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एमपी के गजब पुलिसवाले, इंसास चलाने की तो छोड़िए, रायफल की राउंड भरने की जगह को खोल तक नहीं पा रहे

INSAS rifles इनके कंधों पर रायफल टंगी जरूर रहती है पर चलाने की तो छोड़िए, पुलिसकर्मी उनमें राउंड भरने की जगह को खोल तक नहीं पा रहे हैं।

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डबरा

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deepak deewan

Sep 26, 2024

Policemen could not even open the INSAS rifle in front of IG Arvind Saxena in Dabra police station

Policemen could not even open the INSAS rifle in front of IG Arvind Saxena in Dabra police station

मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। पुराने हथियारों की जगह नए शस्त्र भी दिए जा रहे हैं लेकिन पुलिसवालों को इनके बारे में कुछ पता ही नहीं है। इनके कंधों पर रायफल टंगी जरूर रहती है पर चलाने की तो छोड़िए, पुलिसकर्मी उनमें राउंड भरने की जगह को खोल तक नहीं पा रहे हैं। पुलिसवालों की यह पोल तब खुली जब आईजी अरविंद सक्सेना एकाएक डबरा सिटी थाने पहुंच गए। उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से उन्हें दी गई इंसास रायफल के बारे में पूछा। थाने के सब इंस्पेक्टर और आरक्षक रायफल खोल तक नहीं पाए। तब आईजी ने थाना प्रभारी से सभी पुलिसकर्मियों को रायफल चलाने का प्रशिक्षण दिलाने को कहा।

आईजी अरविंद सक्सेना डबरा थाने में 1 घंटे से ज्यादा समय तक रहे। उन्होंने रोज नामचा समेत लंबित प्रकरणों की सूची का अवलोकन किया। हवालात का जायजा लिया और इसके साथ ही रिपोर्ट लिखने वाले कक्ष का भी निरीक्षण किया।

थाने में जब्ती माल के अलावा अन्य रखरखाव अव्यवस्थित पाकर आईजी अरविंद सक्सेना में इसमें सुधार की जरूरत जताई। लंबित प्रकरणों के जल्द निराकरण की बात कही। उन्होंने कहा कि पकड़े गए आरोपी के आरोप की डिटेल रोज बोर्ड में लिखी होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान थाने में बोर्ड लगा मिला लेकिन इसमें छोटे अक्षरों में लिखा था। आईजी ने निर्देश दिए कि बड़े रूप में लिखा जाए।

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आईजी के निरीक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों की एक कमजोरी सामने आ गई। आईजी अरविंद सक्सेना ने इंसास रायफल खोलने को कहा पर एक सब इंस्पेक्टर व अन्य आरक्षक राइफल की राउंड भरने की जगह को खोल नहीं सके। एक आरक्षक ने जब इंसास एसएलआर रायफल खोलने के साथ भरने की प्रक्रिया बताई तो आईजी ने खुश होकर उन्हें ₹500 का इनाम दिया गया।

बाद में आईजी ने थाना प्रभारी से कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को इंसास राइफल चलाना आना चाहिए। सब इंस्पेक्टर इसे खोल तक नहीं पाए। उन्होंने थाना प्रभारी से बोला कि सभी पुलिस​कर्मियों को दूर मैदान में ले जाकर, रायफल चलवाना सिखाएं।

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बता दें कि पुरानी थ्री नॉट थ्री रायफल के स्थान पर अब पुलिसकर्मियों को आधुनिक इंसास रायफल एसएलआर गन से लैस किया जा रहा है। एएसआई और उससे ऊपर की रैंक के अफसरों को पिस्टल दी जा रही है। पुरानी थ्री नॉट थ्री रायफल का वजन बहुत ज्यादा था जिससे कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को ड्यूटी में परेशानी होती थी। इंसास रायफल रखने में आसानी होती है। पिस्टल का इस्तेमाल तो और भी आसान है।

आईएनएसएएस या इंसास (INSAS rifle) रायफल और लाइट मशीनगन (एलएमजी) से मिलकर बनी बंदूक है। यह आयुध निर्माणी तिरुचिरापल्ली में आयुध कारखाना बोर्ड द्वारा निर्मित की जाती है। इंसास रायफल भारतीय सशस्त्र बलों के मानक पैदल सेना के लिए उपयोगी हथियार है। विपरीत परिस्थितियों में पुलिसकर्मी जहां पुरानी थ्री-नॉट-थ्री से एक बार में एक ही फायर कर पाता था, वहीं आधुनिक बंदूक से पुलिस एक साथ तीन से अधिक गोलियां दनादन दाग सकती है।