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बस्तर को अलग राज्य बनाने की मांग, बस्तरिया राज मोर्चा ने किया प्रदर्शन, कहा- आदिवासियों के अधिकारों का हो रहा उल्लंघन

CG News: सभा में यह भी मांग उठाई गई कि जैसे मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हुआ था, उसी तरह अब बस्तर को अलग राज्य बनाने की जरूरत है।

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CG News

CG News: कोंटा ब्लॉक में मंगलवार को बस्तरिया राज मोर्चा ने एक दिवसीय आमसभा और धरना प्रदर्शन का आयोजन किया , जिसमें बड़ी संया में ग्रामीण शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने की, जिन्होंने बस्तरिया राज मोर्चा के उद्देश्यों और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए संगठन की भूमिका पर जानकारी दी।

CG News: आदिवासियों की आजीविका और अस्तित्व पर संकट

पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर भारत के संविधान में पांचवीं अनुसूची के तहत संरक्षित क्षेत्र है, लेकिन आज भी आदिवासियों के अधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी आदिवासियों को उनका हक नहीं मिला। बाहरी लोगों ने यहां के संसाधनों और संस्कृति पर कब्जा कर लिया है, जिससे आदिवासियों की आजीविका और अस्तित्व पर संकट आ खड़ा हुआ है।

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कुंजाम ने यह भी कहा कि बाहरी लोगों को बस्तर से हटाना और इसे आदिवासियों के लिए सुरक्षित बनाना अत्यंत आवश्यक है। (Chhattisgarh News) रामा सोढ़ी ने बस्तरिया राज मोर्चा के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि यह संगठन आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए गठित किया गया है।

बस्तर को अलग राज्य बनाने की मांग

सभा में यह भी मांग उठाई गई कि जैसे मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हुआ था, उसी तरह अब बस्तर को अलग राज्य बनाने की जरूरत है। मनीष कुंजाम ने कहा कि यह समय है जब आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों, संस्कृति और संसाधनों की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।

यह रहे मौजूद

CG News: इस दौरान राजेश नाग, हड़मा मड़काम, रमणा राव, हड़मा मड़काम, इरफान खान, सोढ़ी कोसा, नसीद पाशा, सोढ़ी राजू, लीना ओयामी, नागराजू और रामबाबू भी उपस्थित थे। सभा में उपस्थित जनता ने बस्तरिया राज मोर्चा के उद्देश्यों के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया और संघर्ष को और तेज करने का संकल्प लिया।


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