
election duty of teachers harming school education datia mp news (Patrika.com)
Election Duty of Teachers: लोकतंत्र की तैयारी के बीच बच्चों की पढ़ाई की बलि चढ़ गई। दतिया के गिर्द में स्थित एकीकृत माध्यमिक स्कूल में बुधवार को हालात ऐसे बने कि 247 विद्यार्थियों की कक्षा स्कूल परिसर में पेड़ के नीचे लगानी पड़ी। वजह रही सात शिक्षकों को मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य (बीएलओ) में लगाया जाना।
इसको लेकर नर्सिंग कॉलेज में एकीकृत शाला के हेडमास्टर सहित सात शिक्षकों को बैठक सुबह 10 बजे बुलाया गया। जिस कारण विद्यालय की पढ़ाई अस्त-व्यस्त हो गई। हालात यह बने कि मेडिकल पर चल रही बीमार शिक्षिका को स्कूल बुलाना पड़ा। वहीं तीन शिक्षिकाओं के भरोसे पेड़ के नीचे कक्षा एक से मिडिल तक की कक्षाएं एक साथ संचालित की गई। (MP News)
मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर ग्वालियर रोड स्थित नर्सिंग कॉलेज में सुबह 10 बजे बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान एकीकृत माध्यमिक शाला गिर्द के शिक्षक ब्रजेश, स्मिता सक्सेना, रामनिवास गुप्ता, नीरज पंचाल, कैलाश करार, रविन्द्र फणनीश और साधना सिहारे को बैठक में बुलाया गया। आनन-फानन में मेडिकल अवकाश पर चल रही बीमार शिक्षिका रश्मी गुप्ता को स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए बुलाया गया। उधर दूसरी शिक्षिका ने बुधवार की सुबह 9 बजे उन्हें ब्लड प्रेशर की शिकायत बताई थी। उन्हें डिप चढ़ाने की सलाह भी दी थी। लेकिन 10 शिक्षकों में सात शिक्षको की ड्यूटी बीएलओ के कार्य में लगाए जाने की वजह से उनको छुट्टी न देकर स्कूल बुलाया गया। (MP News)
वही स्कूल में शबना कुरैशी भी मौजूद मिली। लेकिन एक पेड़ के नीचे कक्षाएं संचालित होने की वजह से शिक्षकाओं को भी उन्हें पढ़ाने में दिक्कत हो रही थी।आरती अवस्थी ने ऑनलाइन छुट्टी डाली थी, क्यों की डॉक्टरों नेउन्हें ब्लड प्रेशर की शिकायत बताई थी। उन्हें डिप चढ़ाने की सलाह भी दी थी। लेकिन 10 शिक्षकों में सात शिक्षको की ड्यूटी बीएलओ के कार्य में लगाए जाने की वजह से उनको छुट्टी न देकर स्कूल बुलाया गया। वही स्कूल में शबना करेंशी भी मौजूद मिली। लेकिन एक पेड़ के नीचे कक्षाएं संचालित होने की वजह से शिक्षकाओं को भी उन्हें पढ़ाने में दिक्कत हो रही थी। (MP News)
एकीकृत माध्यमिक शाला के शिक्षक को गुरुवार और शुक्रवार को वर्ष 2003 और वर्ष 2025 की मतदाता की सूची का मिलान करना है। ऐसे म अब दो दिन तक स्कूल में कक्षाओं के संचालन का कार्य प्रभावित होगा। हालाकि शिक्षा विभाग के अधिकारिय का मानना है कि यदि शिक्षा को प्राथमिकता देनी है, तो प्रशासन को चुनावी कार्यों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।
वहीं दूसरी ओर शिक्षकों का कहना है कि चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ है, लेकिन शिक्षा भसमाज की नींव है। यदि हर बार शिक्षकों को ही सबसे आसान विकल मानकर चुनावी काम में लगाया जाएगा, तो बच्चों की पढ़ाई सबसे बड़ी कीमत चुकाएगी। गिर्द स्कूल की घटना ने यह साफ कर दिया है। प्रशासन को चाहिए कि चुनावी कार्यों के लिए अन्य विभागों से कर्मचारी उपलब्ध कराए और शिक्षा को कम कम प्रभावित हो। (MP News)
अगर एक ही स्कूल से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है तो में इस मामले को दिखवाता हूं।- संतोष तिवारी एस डी एम, दतिया
जिला निर्वाचन कार्यालय से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। लेकिन एक साथ एक स्कूल से सात शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। मुझे जानकारी नहीं है।- राजेश शुक्ला, डीपीसी दतिया
Published on:
18 Sept 2025 09:14 am
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