
बड़ागांव स्थित झिलमिली बांध में भरा पानी। फोटो: पत्रिका
Dausa News: राजस्थान में मानसून की मेहरबानी के चलते झिलमिली बांध में पानी की अच्छी आवक होने से इस साल भी दर्जनों गांवों के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिलने की आस जगी है। बांध में लगातार दूसरे साल अब तक करीब 12 फीट 1 इंच पानी भरने से आसपास के गांवों के कुओं सहित बोरिंगों का जलस्तर बढ़ने लगा है।
लोगों को पेयजल सहित खेती के लिए पानी मिलने का लाभ मिलेगा। दो दशक बाद मानसून की मेहरबानी से पिछले साल बांध में चादर चली थी। इससे आस पास के दर्जनों गांवों के गिरते भूजल को जीवनदान मिलने से लोगों के कुओं व बोरिगों में पानी की आवक हो गई थी।
पिछले साल का बांध में 7 फीट पानी बचा था। इस वर्ष अच्छी बारिश होने से 4 फीट पानी की आवक होने से बांध में अब 12 फीट 1 इंच पानी भर गया। इससे कुओं व बोरिंगों में पानी की आवक में इजाफा हो गया है। इससे किसानों को पानी उपलब्ध हो रहा है।
ग्रामीण बनवारी बडागांव, राकेश रानीवास ने बताया कि दो दशक से बारिश कम होने बांध के आस पास के दर्जनों गांवों में भूजल स्तर गिर गया था। इससे गांवों में लगे पेयजल के हैण्डपप व नलकूप नकारा हो गए थे, लेकिन पिछली साल बारिश अधिक होने से बांध लबालब भर गया था। वहीं इस साल भी बांध में पानी की अच्छी आवक होने से भूजल स्तर में बढोतरी होने से हैण्डपप व नलकूपों में पानी की आवक होने के कारण लोगों को पेयजल समस्या से निजात मिलेगी। कुओं का जल स्तर बढेगा। बांध की नहर में पानी छोडने पर गांव पूरणवास, नयागांव, कोल्यावास, डूंगरावता, रामथला, झिलमिली, बोटोली, गिरधरपुरा आदि गांवों के लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिलने की उम्मीद जगी है।
| वर्ष | बांध में पानी की आवक (फ़ीट-इंच) |
|---|---|
| 2005 | 14 फ़ीट 11 इंच (चादर चली थी) |
| 2006 | 1 फ़ीट 4 इंच |
| 2007 | 5 फ़ीट 3 इंच |
| 2008 | 8 फ़ीट 8 इंच |
| 2009 | 4 फ़ीट 3 इंच |
| 2010 | 10 फ़ीट 3 इंच |
| 2011 | 9 फ़ीट 6 इंच |
| 2012 | 11 फ़ीट 1 इंच |
| 2013 | 9 फ़ीट 9 इंच |
| 2014 | 4 फ़ीट 9 इंच |
| 2015 | 3 फ़ीट |
| 2016 | 10 फ़ीट 4 इंच |
| 2017 | खाली (कोई पानी नहीं) |
| 2018 | 5 फ़ीट 5 इंच |
| 2019 | 7 फ़ीट 6 इंच |
| 2020 | 3 फ़ीट 9 इंच |
| 2021 | 6 फ़ीट 6 इंच |
| 2022 | 5 फ़ीट 4 इंच |
| 2023 | 4 फ़ीट |
| 2024 | 14 फ़ीट 11 इंच (पिछले वर्ष बचा पानी सहित कुल आवक) |
जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियन्ता मनीष गुर्जर ने बताया कि झिलमिली बांध में वर्ष 2005 में 14 फीट 11 इंच पानी की आवक आने पर चादर चली थी। इसके बाद 2006 में 1 फीट 4 इंच, 2007 में 5 फीट 3 इंच, 2008 में 8 फीट 8 इंच, 2009 में 4 फीट 3 इंच, 2010 में 10 फीट 3 इंच, 2011 में 9 फीट 6 इंच, 2012 में 11 फीट 1 इंच, 2013 में 9 फीट 9 इंच, 2014 में 4 फीट 9 इंच, 2015 में 3 फीट, 2016 में 10 फीट 4 इंच, 2017 में खाली, 2018 में 5 फीट 5 इंच, 2019 में 7 फीट 6 इंच, 2020 में 3 फीट 9 इंच, 2021 में 6 फीट 6 इंच, 2022 में 5 फीट 4 इंच, 2023 में 4 फीट, 2024 में 14 फीट 11 इंच पानी की आवक होने पर चादर चली, बांध में गत वर्ष के बचे पानी सहित अब तक 12 फीट 1 इंच पानी की आवक हो गई।
Published on:
11 Aug 2025 12:15 pm
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