
ट्रेन में चढ़ने के लिए मशक्कत करते यात्री। फोटो: पत्रिका
बांदीकुई। जयपुर जंक्शन पर अमृत भारत योजना के तहत निर्माण कार्य के चलते मंगलवार को अधिकांश ट्रेनों का संचालन खातीपुरा रेलवे स्टेशन तक किया गया। इसके चलते रेल यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। खास बात यह है कि रेलवे की ओर से रेवाड़ी से गांधीनगर तक का टिकट दिया गया और खातीपुरा ही उतार दिया गया। इसके चलते लोगों को बस से किराया खर्च कर गांधी नगर स्टेशन के आसपास पहुंचना पड़ा।
बांदीकुई से गांधीनगर-जयपुर का किराया भी 60 रुपए हैं और खातीपुरा का किराया भी 60 रुपए ही वसूला गया है। जबकि खातीपुरा स्टेशन से गांधी नगर जयपुर की दूरी करीब 11 किलो मीटर कम हैं। ऐसे में दूरी घटने पर किराया कम होना चाहिए, लेकिन किराया यथावत है। इससे यात्रियों को खातीपुरा तक यात्रा करने का गांधी नगर तक का किराया लिया जा रहा है, फिर खातीपुरा से गंतव्य तक पहुंचने का 40 से 50 रुपए किराया बस एवं टेम्पो में देकर दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है।
रेवाड़ी निवासी प्रेम ने बताया कि वह बेटी को दिखाने जयपुर आया तो पूजा एक्सप्रेस का टिकट तो गांधी नगर तक का दे दिया, लेकिन ट्रेन को खातीपुरा तक ही संचालित किया गया। महेश सैनी ने बताया कि वह बांदीकुई से प्रयागराज से खातीपुरा गया तो 60 रुपए का टिकट दिया, जबकि गांधी नगर का भी यही किराया है। नियमानुसार कम दूरी का कम किराया होना चाहिए। इससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
रेल सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को जम्मूतवी अजमेर पूजा एक्सप्रेस, आगरा फोर्ट, प्रयागराज, मथुरा जयपुर, शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन खातीपुरा तक ही किया गया। वापसी भी खातीपुरा से ही की गई। इसके चलते यात्रियों को वापसी में यात्रा करने के लिए खातीपुरा ही आना पड़ा। इसके अलावा रानीखेत काठ गोदाम एक्सप्रेस को रेवाड़ी से फुलेरा होकर गुजारा गया।
रेल सूत्रों के मुताबिक जम्मूतवी अजमेर पूजा एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से करीब एक घंटे 20 मिनट देरी से बांदीकुई जंक्शन पहुंची। जबकि इस ट्रेन का निर्धारित समय सुबह 7.53 बजे का है। जबकि आगरा इंटरसिटी निर्धारित समय 8.40 बजे से 15 मिनट देरी से बांदीकुई से रवाना हुई। दुरई शताब्दी एक्सप्रेस 10 मिनट, वाराणसी जोधपुर मरुधर एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 5 घंटे देरी से बांदीकुई जंक्शन पहुंची। इस ट्रेन का निर्धारित समय सुबह 10.25 बजे का है जो कि करीब सवा तीन बजे पहुंची। इसके अलावा शालीमार मलानी एक्सप्रेस भी एक घंटे देरी से पहुंची। वहीं शाम को जोधपुर वाराणसी मरुधर एक्सप्रेस ट्रेन अपने निर्धारित समय से साढ़े तीन घंटे देरी से चल रही है।
अधिकांश ट्रेनों के खातीपुरा तक संचालित किया गया। सुबह एक मात्र ट्रेन बठिंडा-जयपुर एक्सप्रेस ही जंक्शन गई। ऐसे में यह ट्रेन यात्रियों से खसाखस भर कर गई। यात्रियों को हिलने डुलने के लिए तक जगह नहीं मिल सकी। लोगों को शौचालय में बैठकर एवं जान जोखिम में डाल कर कड़ाके की ठंड के बीच खिड़कियों पर लटक कर यात्रा करनी पड़ी। ट्रेन के कोचों की हालत सच्चाई बयां कर रहे थे। इस ट्रेन में महिला एवं बच्चों को ज्यादा परेशानी हुई। लोग रेल प्रशासन को कोसते दिखाई दिए।
यात्रियों का कहना है कि जब अधिकांश ट्रेनों का संचालन खातीपुरा तक किया जाता हैं, उस दिन इस ट्रेन के कोचों की संख्या बढ़ा दी जाए तो काफी हद तक राहत मिल सकेगी। खाटूश्याम जाने वाले एवं जगतपुरा, गांधी नगर व जयपुर जंक्शन जाने वाले अधिकांश यात्री इसी ट्रेन से आवाजाही करने से यात्री भार बढ़ गया है। वहीं करीब 3 हजार मासिक पास धारक हैं, जो भी अधिकांश इस ट्रेन से ही अप डाउन कर रहे हैं। यही हाल शाम वाली ट्रेन का रहा।
Published on:
10 Dec 2025 12:45 pm
बड़ी खबरें
View Allदौसा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
