
विश्वप्रसिद्ध कैंची धाम में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। फाइल फोटो
विश्वप्रसिद्ध कैंची धाम में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मौका था बाबा नीब करौरी की ओर से स्थापित कैंची मंदिर के 61वें स्थापना दिवस का। सुबह से खराब मौसम, कोहरे और बारिश के बावजूद श्रद्धालु मन में आस्था लिए लाइन में लगे रहे। दोपहर तक करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा की पटशिला के दर्शन किए। देर रात तक इनकी संख्या करीब 1.25 लाख से ऊपर हो गई। शनिवार रात 10 बजे से लेकर रविवार शाम 10 बजे तक आठ राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु धाम में शीश नवाकर लौटे।
कैंची धाम स्थापना दिवस को इस बार मंदिर समिति, प्रशासन और पुलिस ने भव्य बनाने को लेकर खासा तैयारी की थी। श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए सड़क किनारे पाथवे बनाकर रस्सियां लगाईं थीं। हल्द्वानी, नैनीताल, भीमताल, खैरना और भवाली से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शटल सेवाएं चलाई गई थी। कई श्रद्धालु पैदल कैंची धाम पहुंचे। वहीं, अल्मोड़ा, रानीखेत से आने वालों को खैरना से शटल सेवा से पनीराम ढाबे तक लाया गया।
श्रद्धालु शनिवार रात 10 बजे से लाइन में लगना शुरू हो गए थे। रविवार सुबह पांच बजे बाबा को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन कराए गए। इसके बाद प्रसाद वितरण किया। कमिश्नर दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, डीएम वंदना, एसएसपी पीएम मीणा, एडीएम विवेक राय, एडीएम पीआर चौहान, एसपी यातायात डॉ. जगदीश चंद्रा आदि व्यवस्थाओं का जायजा लेते दिखे। पुलिस के कंट्रोल रूम, ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी रखी गई। देर शाम तक हरियाणा, मुंबई, मध्यप्रदेश, बिहार, दिल्ली, यूपी, गुजरात, पंजाब से भक्त धाम पहुंचे। तीन बजे तक करीब 85 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे।
कैंची धाम में जीरो जोन होने से पालिका मैदान भवाली चौराहे में पहुंचने के बाद वाहनों को पुलिस ने रोका। यहां से शटल सेवा से श्रद्धालुओं को धाम पहुंचाया गया। दोपहिया और अन्य निजी वाहनों को भवाली से आगे नहीं जाने दिया। इससे काफी श्रद्धालु बिना दर्शन के लौट गए। भवाली चौराहे से आगे श्रद्धालुओं के वाहन नहीं भेजने से जाम लगता रहा। धाम पहुंचने को श्रद्धालुओं को दो किमी पैदल चलना पड़ा।
Published on:
16 Jun 2025 01:00 pm
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