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बड़ा हादसा टला: कक्षा में परीक्षा के दौरान प्लास्टर के साथ गिरा पंखा, इन स्कूलों में भी हो चुकी है घटनाएं

Dhamtari News: कलेक्टर के निर्देश के बाद भी जिले के स्कूल जर्जर भवनों में संचालित हो रहा है। ताजा मामला शासकीय कन्या शाला नगरी से सामने आया है। शुक्रवार को कक्षा में परीक्षा के दौरान प्लास्टर के साथ पंखा गिर गया।

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प्लास्टर के साथ गिरा पंखा (फोटो सोर्स- पत्रिका)

प्लास्टर के साथ गिरा पंखा (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: कलेक्टर के निर्देश के बाद भी जिले के स्कूल जर्जर भवनों में संचालित हो रहा है। ताजा मामला शासकीय कन्या शाला नगरी से सामने आया है। शुक्रवार को कक्षा में परीक्षा के दौरान प्लास्टर के साथ पंखा गिर गया। पंखा तार में लटक गया, जिसके कारण छात्रा को गंभीर चोट नहीं आई। छात्रों ने बताया कि छात्रा के ऊपर प्लास्टर का टुकड़ा गिरने से मामूली चोट आई है।

पालकों ने बताया कि शासकीय कन्या शाला नगरी में 9 वीं से 11 वीं तक की कक्षाएं संचालित है। स्कूल में 413 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। स्कूल अतिजर्जर हो चुका है। बारिश के दिनों में बरसाती पानी छत से टपकता है। पानी के रिसाव से बचने के लिए स्कूल की छत में पॉॅलीथिन लगाया गया। इसके बाद भी प्लास्टर उखड़कर गिर रहा है। स्कूल अतिजर्जर होने के कारण नए स्कूल भवन की मांग कई सालों से कर रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में पालकों में अनदेखी को लेकर रोष पनपने लगा है।

स्कूल की प्राचार्य ने बताया कि स्कूल जर्जर हो चुका है। बीईओ समेत जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी जा चुकी है। मजबूरी में जर्जर स्कूल में कक्षा का संचालन कर रहे हैं। इधर नगरी बीईओ केआर साहू का कहना है कि स्कूल भवन मरम्मत के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। जिस कमरे में पंखा गिरा है। उस कमरे से सभी पंखों को उतरवा दिया गया है। जानकारी मिलने के बाद डीईओ ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने प्राचार्य को नोटिस जारी कर कार्रवाई की बात कही है।

इन स्कूलों में भी पूर्व में हो चुकी है घटनाएं

ग्राम देवपुर (डोंगापथरा) में शासकीय प्राथमिक शाला अतिजर्जर हो चुका है। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। यहां भी कक्षा संचालन के दौरान पंखा प्लास्टर के साथ गिरा था। हालांकि किसी बच्चे को चोट नहीं लगी थी। ग्राम खरेंगा के प्राथमिक शाला स्कूल भवन अतिजर्जर है। डिस्मेंटल योग्य होने के बाद भी यहां कक्षाएं संचालित हो रही है।

इसी तरह रत्नाबांधा स्कूल भवन भी अतिजर्जर स्थिति में है। डिस्मेंटल योग्य होने के बाद भी इसे ढहाया नहीं गया है। बच्चे खेल-खेल में जर्जर स्कूल के आसपास मंडराते रहते हैं। इन सभी जर्जर स्कूलों को ढहाने तथा नया भवन निर्माण के लिए पालक कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

शासन का स्पष्ट निर्देश है कि जर्जर भवनों में स्कूल का संचालन नहीं करना है। यदि जर्जर भवन में स्कूल संचालित है, तो इसमें प्राचार्य की गलती है। नोटिस जारी कर कार्रवाई करेंगे। जर्जर भवन के मरम्मत के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। - अभय कुमार जायसवाल, डीईओ