
CG Diwali 2024: लापरवाही! दुकानों में सैकड़ों किलो बारूद का स्टाक, सुरक्षा के लिए सिर्फ आधी बोरी रेत और दो बाल्टी पानी..(photo-unsplash)
CG Diwali 2024: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में दीपोत्सव को अभी 11 दिन शेष है। इधर शहर सहित लायसेंसी दुकानों में पटाखों की बिक्री शुरू हो गई है। हर साल नियम कायदे को ताक में रखकर पटाखा निर्माण एवं बिक्री की जाती है। संबंधित विभाग के अधिकारियों की जांच सिर्फ खानापूर्ति साबित होती है। शहर में जगह-जगह पटाखा दुकान की आड़ में बारूद का ढेर रखा गया है। यही हाल गोदामों का है। यहां भी क्षमता से कई गुना ज्यादा पटाखे बन रहे और स्टाक रखा है।
CG Diwali 2024: विडंबना है कि प्रशासन की टीम अब तक ऐसे दुकान और गोदामों की जांच करने भी नहीं निकली है। कुछ अधिकारी तो निर्देश मिलने के इंतजार में है। नियमत: ग्रीन पटाखों की बिक्री को ही सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दी है। यहां तो तरह-तरह के भारी आवाज, भारी धुआं वाले पटाखे बिक रहे। एक आदेश के अनुसार 125 डेसीबल से अधिक आवाज वाले पटाखों की बिक्री पर बैन लगाया गया है, लेकिन बाजार में 125 डेसीबल से अधिक की एटमबम व तेज आवाज वाले पटाखों की बिक्री हो रही है। पहले 400 किलो स्टाक क्षमता निर्धारित थी।
CG Diwali 2024: अब 3 हजार किलो के स्टाक का लायसेंस बना लिया गया है। कई दुकानों में तो लायसेंस से कई गुना ज्यादा मात्रा में पटाखा स्टाक है। दुकानदारों ने स्टाक क्षमता तो 100 गुना बढ़ा दी, पर सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं की गई है। पटाखा दुकानों में एक बोेरी रेत और दो बाल्टी पानी ही सुरक्षा के लिहाज से रखा जा रहा है। बारूद के ढेर को बुझाने के लिए एक बोरी रेत और दो बाल्टी पानी की पर्याप्तता को समझा जा सकता है।
शहर में नियमों को ताक में रखकर घनी आबादी के बीच ज्वलनशील पदार्थ और पटाखों को स्टाक किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी जानकर भी अनजान है। ऐसे में छोटी सी चूक बड़ी घटना में बदल सकती है। इधर जिमेदारों का कहना है कि पटाखा गोदामों की जांच करेंगे, लेकिन अब तक कोई भी अधिकारी गोदाम जांच के लिए नहीं पहुंचे और लायसेंस स्वीकृत हो गए। मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब 327 पंजीकृत पटाखा व्यवसायी है। इनमें से 150 व्यवसायियों ने वर्तमान में लायसेंस नवीनीकरण कराया है। जबकि स्थाई लायसेंसधारी पटाखा दुकानों की संया 5 है।
बता दें कि पटाखा एक ज्वलनशील पदार्थ है, इसलिए शासन के गाइड के अनुसार पटाखा को स्टाक रखने के लिए गोदाम बनाने की अनुमति जांच-पड़ताल के बाद दी जाती है। शासन के नियमानुसार ही दुकानों और गोदामों में पटाखा स्टाक किया जा सकता है। टीम बनाकर गोदाम और दुकानों की जांच करेंगे। क्षमता से अधिक पटाखा स्टाक पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे। डॉ विभोर अग्रवाल, एसडीएम
Updated on:
05 Jul 2025 11:56 am
Published on:
20 Oct 2024 02:03 pm
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