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सब्जी बेचने के लिए 80 किसानों ने कराया था पंजीयन, अब आते हैं सिर्फ दर्जनभर….बेबस किसानों पर शासन-प्रशासन नहीं दे रहे ध्यान

Dhamtari News: छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला किसान बाजार आज अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है। सालों बाद भी बाजार के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं आया, जबकि अपेक्षित पंजीकृत किसान और ग्राहकों के अभाव में यह बाजार अपना आकर्षण खोने लगा हैं।

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Farmers had done registration, government is not paying attention

प्रदेश का पहला किसान बाजार

Chhattisgarh News: धमतरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला किसान बाजार आज अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है। सालों बाद भी बाजार के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं आया, जबकि अपेक्षित पंजीकृत किसान और ग्राहकों के अभाव में यह बाजार अपना आकर्षण (Dhamtari News) खोने लगा हैं। इसके सुचारू संचालन में प्रशासनिक उदासीनता से ग्राहकों में रोष है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष-2017 में तत्कालीन कलेक्टर डा. सीआर प्रसन्ना ने पुराना मंडी परिसर में किसान बाजार की शुरूआत की थी। इस बाजार की खासियत यह है कि इसमें सब्जी उत्पादक किसान का रेट और बाजार में उत्पाद के रेट के बीच का औसत दाम निकाल कर ग्राहकों को सब्जियां विक्रय किया जाता है। किसान बाजार में पसरा लगाने के लिए करीब 80 से ज्यादा सब्जी उत्पादक किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। प्रदेश का यह पहला बाजार है, जहां विक्रेता और ग्राहक दोनों को रिस्पांस मिला। सस्ते दाम में सब्जियां पाकर ग्राहक भी खुश थे, वहीं बीच में बिचौलियां नहीं होने तथा अपना सब्जियां बेचने के लिए किसान बाजार में नि:शुल्क पसरा मिलने से किसान भी खुश थे। यही वजह है कि सुबह से ताजी सब्जी के लिए शहरवासियों की भीड़ लगती थी।

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कुछ महीनों तक अधिकारी-कर्मचारी बराबर निरीक्षण और निगरानी करते थे। जब प्रशासनिक अधिकारियों ने यहां की सुध ली, तब तक किसान बाजार गुलजार रहा, लेकिन बाद में यह प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार हो गया। गौरतलब है कि सुबह 7 से 9 बजे तक लगने वाले धमतरी की किसान बाजार की चर्चा पूरे प्रदेशभर में हुई। राज्य सरकार ने धमतरी की तर्ज पर प्रदेश के सभी जिलों में किसान बाजार स्थापना की घोषणा भी की। धमतरी के अलावा नगर पंचायत कुरूद व आमदी में भी किसान बाजार की शुरूआत हुई। इसकी महत्ता को देखते हुए को बाजार को सुव्यवस्थित करने के लिए अधिकारी व नेताओं ने कई दावे भी किए, लेकिन यह बातें सिर्फ हवा हवाई निकली। छह सालों के बाद भी किसान बाजार में पानी, बिजली आदि की समस्याओं से जुझ रहा है।

छह साल में कोई बदलाव नहीं

किसान बाजार में सब्जी खरीदने के लिए आए मनोज यादव, लेखराम नाग, प्रकाश साहू, गौतम साहू का कहना है कि किसान बाजार खुले आज छह साल (CG Hindi News) से अधिक हो गए, लेकिन बाजार का स्वरूप नहीं बदल पाया। बाजार की स्थिति गांव के बाजार से भी बदतर है। ऐसे में यहां पहले की तुलना में भीड़ कम रहता है।

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क्या कहते हैं ग्राहक

किसान बाजार में प्रशासन सुविधा बढ़ाते हैं और सब्जी उत्पादकों की संख्या बढ़ाते हैं, तो यहां भीड़ बढ़ेगी। वहीं यहां देशी सामग्रियां बिकने नहीं पहुंचता, जबकि (Chhattisgarh hindi news) बाजार शुरू हुआ तो यहां दूध से दही तक बिकने की बात कही गई थी। - संजय सिन्हा, ग्राहक

यहां सब्जी उत्पादकों के लिए लाखों का कोल्ड स्टोरेज बना है, लेकिन इसका कुछ ही दिन उपयोग हुआ। ताजी सब्जी और ग्राहकों के हित में किसान बाजार को फिर से गुलजार करने के लिए कलेक्टर और कृषि विभाग को ध्यान देना चाहिए। - प्रकाश साहू, ग्राहक

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