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ममता हुई बेरहम! 15 दिन की बच्ची को नहर किनारे छोड़ भागे माता-पिता, अस्पताल में इलाज जारी…

CG News: धमतरी जिले के ग्राम भेंडरी में नहर किनारे बुधवार सुबह 10 से 15 दिन की बच्ची मिली। रोने की आवाज सुनकर रास्ते से गुजर रहे लोगों की नजर पड़ी।

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ममता हुई बेरहम! 15 दिन की बच्ची को नहर किनारे छोड़ भागे माता-पिता, अस्पताल में इलाज जारी...(photo-patrika)

ममता हुई बेरहम! 15 दिन की बच्ची को नहर किनारे छोड़ भागे माता-पिता, अस्पताल में इलाज जारी...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के ग्राम भेंडरी में नहर किनारे बुधवार सुबह 10 से 15 दिन की बच्ची मिली। रोने की आवाज सुनकर रास्ते से गुजर रहे लोगों की नजर पड़ी। गांव की मितानिन को पहले सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस को भी सूचित किया गया। बच्ची को प्लास्टिक के धमेले में कपड़े से ढंककर छोड़ दिया गया था। बच्ची के पैर में केनुला लगा था, जिसे निकालने के बाद जिला अस्पताल लाया गया। यहां डाक्टरों की विशेष टीम बच्ची का इलाज कर रही है।

बच्ची का वजन मात्र 1,500 किग्रा है। अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड के बेबीवार्मर मशीन में रखा गया है। बच्ची की हालत अभी ठीक है। सिर्फ 10 -15 दिन की बच्ची को इस तरह छोड़ देने की घटना से जिलेभर में तरह-तरह की चर्चा है। पुलिस बच्ची के माता-पिता की तलाश में जुटी है। बच्ची जिस हालत में मिली और पैर में लगे केनुला से कयास लगाया जा रहा कि बच्ची अस्पताल में रही होगी।

CG News: बच्ची स्वस्थ, कोई इंफेक्शन नहीं

‘कुछ दिन पहले ही मैं धरती में आई, अभी-अभी मेरी आंखें खुली और आपने तो पूरी दुनिया दिखा दी। 11 दिन बाद नवरात्र का पर्व शुरू हो रहा है। घर-घर कन्या पूजा होगी। बेटियों को मान-समान मिलेगा। मां-पापा आपने तो मुझे मरने के लिए नहर किनारे धमेले में कपड़े से लपेटकर छोड़ दिया।

आप लोग इतने निर्मोही कैसे हो गए? मेेरे रोने की आवाज सुनकर कुछ लोग आए और मुझे अस्पताल तक पहुंचाए। अब मैं यहीं हूं। यहां अच्छे लोग हैं, जो मेरी केयर कर रहे हैं। यह मार्मिक शब्द इस नवजात के होते यदि वह बोल पाता।’

चरोटा में मिले बच्चे को मिले नए पालक

25 दिसंबर 2024 को भखारा इलाके के ग्राम चरोटा नाली में नवजात शिशु बालक मिला था। मार्निंकवाक पर निकले लोगों ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी और मितानिन को सूचना दी। बच्चा दूध नहीं पी रहा था। बेहतर इलाज के चलते उसकी जान बची। अब यह बच्चा अपने नए पालक के साथ है।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि चरोट में मिले बच्चे को विधिवत गोद देने की प्रक्रिया की गई। बच्चे को गोद लेने के लिए 35 से अधिक पालकों ने आवेदन किया था। कलेक्टर के अनुमोदन के बाद पात्रता रखने वाले अभिभावक को नवजात शिशु को गोद दिया गया है।

जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रविकांत शिंदे ने बताया कि बुधवार को दोपहर 12 बजे करेली बड़ी पुलिस और मितानिन बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि नवजात शिशु लड़की है। जन्म लिए मुश्किल से 10 से 15 दिन हुए हैं। बच्ची के पैर में केनुला लगाने का निशान है।

इससे पता चलता कि यह बच्ची इससे पहले भी किसी अस्पताल में भर्ती थी। बच्ची का वजन 1.50 किग्रा है। लो-बर्थ होने के कारण बच्ची को एसएनसीयू में विशेष देखरेख में रखा गया है। बच्ची सामान्य नवजात शिशु की तरह दूध पी रही है। किसी तरह का इंफेक्शन नहीं है।

11 साल में 9 बच्चों को मिले नए माता-पिता

धमतरी जिले में अबोध बच्चों को झाड़ियों, बोरी सहित अन्य खुले स्थानों में लावारिश छोड़ने की यह नई घटना नहीं है। पिछले 11 वर्षों में ऐसे अनेक केस जिले में आ चुके हैं। मृत मिले शिशुओं का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। वहीं जीवित बच्चों को शासन के नियमानुसार गोद देने की प्रक्रिया की गई। अब तक ऐसे 9 बच्चाें को उनके नए माता-पिता को सौंपा जा चुका है।

इसे दत्तक ग्रहण का नाम दिया गया है। 10 साल पहले स्टेशन पारा में एक नवजात बच्चे को कटीले झाड़ियों में फेंक दिया गया था। बस स्टैंड में एक भिक्षु महिला की मृत्यु के बाद उसके बच्चे को दत्तक ग्रहण कराया गया था। कुछ वर्ष पहले पचपेड़ी में एक बच्चा खेत में मिला था। बीते साल 25 दिसंबर को भखारा क्षेत्र के चरोटा नाले में एक बच्चा मिला था। बच्चों को दत्तक ग्रहण कराया जा चुका है।