
डेंगू के दंश पर आंकड़ों की बाजीगरी : यहां अब तक हो चुकी है छठी मौत, पर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में 0
धार/ मध्य प्रदेश के धार जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, शनिवार को यहां डेंगू से छठवीं मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग डेंगू के रोकथाम के बजाय आंकड़ों की बाजीगरी में लगा है। विभाग के आंकड़ों में अभी तक डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है। दरअसल, विभाग शासन की गाइड लाइन का आड़ लेकर केवल एलाइजा टेस्ट से पुष्ट रिपोर्ट को ही डेंगू का मरीज मानता है। इसके विपरीत विभाग से लाइसेंस प्राप्त लैबोट्रीज ही डेंगू पॉजिटिव होने की रिपोर्ट जारी कर रही हैं। इसी विरोधाभास के चलते विभाग ऐसी मौतों को डेंगू से मौत के रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं कर रहा।
स्वास्थ्य विभाग निजी पैथोलॉजी से पुष्ट केसों को भी संदिग्ध मानता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में अब तक 117 लोग डेंगू के संदिग्ध पाए गए हैं, जबकि 26 केसों में डेंगू की पुष्टि हुई है। ये सरकारी आंकड़े है, जबकि प्राइवेट हॉस्पिटलों के आंकड़े इसके उलट है। सरकारी आंकड़ों में अब तक किसी भी व्यक्ति की डेंगू से मौत नहीं हुई है। शनिवार को इंदौर में इलाज के दौरान खैरोद के आशु पिता मदन प्रजापत (18) की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि डेंगू पॉजिटिव होने के कारण आशु की प्लेटलेट लगातार कम हो रहे थे। शनिवार को आशु की प्लेटलेट 48 हजार ही रह गई थी। इलाज के दौरान ही अचानक उसने दम तोड़ दिया।
भाई और ग्रामीण भी पॉजिटिव
ग्रामीणों ने बताया कि, आशु का भाई शुभम भी डेंगू से पीड़ित हैं, जिसका इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में जारी है। इसके अलावा खैरोद के गोकुल प्रजापत भी पॉजिटिव होकर इंदौर में भर्ती हैं। वहीं, प्रमिता पति पप्पू लोहार, अरविंद पिता कैलाश सहित अन्य ग्रामीण भी डेंगू से पीड़ित हैं, जिनका इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है। डेंगू ने खेरोद गांव के लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस कारण रोकथाम के सारे उपाय नाकाफी नजर आ रहे है।
रिपोर्ट झूठी, लेकिन मौतें सच
डेंगू से लगातार हो रही मौतों को स्वास्थ्य विभाग भले ही झुठला रहा हो, लेकिन पैथोलॉजी की रिपोर्ट और उनकी डेथ रिपोर्ट इस गड़बड़ झाले की गवाही दे रहे हैं। मृतक आर्यमन और मधुसूदन की रिपोर्ट पत्रिका के पास है, जिसमें स्पष्ट रूप से डेंगू पॉजिटिव लिखा है। लैबोरेट्री से इसकी सूचना भी स्वास्थ्य विभाग को भेजी जा चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इनके एलाइजा टेस्ट के लिए कोई पहल नहीं की। बाद में इनकी मौतों के बाद भी रिकॉर्ड पर नहीं लिया। यही हाल चार अन्य मौतों में भी हुआ।
इनका कहना है
मामले को लेकर धार जिला मलेरिया अधिकारी धर्मेंद्र जैन ने बताया कि, युवक की मौत की कोई सूचना हमें नहीं मिली है। इंदौर से काफी देरी से जानकारी मिल पाती है। इस कारण जिले में बीते दिनों हुई मौतों की पुष्टि नहीं हो पाई है। जिले में 117 संदिग्ध अब तक सामने आए हैं,जबकि 26 केसों में डेंगू की पुष्टि हुई है। डूेगू से अभी तक एक भी मौत की पुष्टि नहीं है।
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Published on:
22 Aug 2021 12:55 pm
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