
Greatest Remedies to get blessings of Hanuman
हनुमान जी को कलयुग का जाग्रत देवता भी कहा जाता है और हनुमान जी को कलयुग में जागृत देव माना गया है। इसके साथ ही रामभक्त हनुमान जी चमत्कारी सफलता देने वाले देवता माने गए है। मान्यता के अनुसार वर्तमान समय में भी हनुमान जी शीघ्र अति शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
भगवान श्री राम का नाम जपने वाले की सदैव हनुमान जी रक्षा करते हैं। कलयुग के जाग्रत देवता होने के कारण हनुमान जी शीघ्र ही फल प्रदान करने वाले देवता हैं। उनकी पूजा पवित्रता के साथ और श्रद्धा के साथ करनी चाहिए क्योंकि उग्र होने के कारण वे अपवित्रता से नाराज़ भी हो सकते हैं, इसलिए पूरे मन से और सात्विकता तथा पवित्रता के साथ हनुमानजी की उपासना करनी चाहिए।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार आज के समय में हनुमान जी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माने गए है। अतः हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तों द्वारा अनेक प्रयास किये जाते है।
हनुमानजी को प्रसन्न करने के विभिन्न उपायों से भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं और सुख-समृद्धि, धन-दौलत प्राप्त होती है। ये उपाय इस प्रकार हैं- हनुमान चालीसा का पाठ सबसे सरल उपाय है बजरंग बली को प्रसन्न करने का...
: माना जाता है कि हर रोज या हर मंगलवार और शनिवार को चालीसा का पाठ करना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमानजी बहुत जल्द शुभ फल प्रदान करते हैं।
: हर मंगलवार या शनिवार के दिन बजरंग बली को बना हुआ बनारसी पान चढ़ाना चाहिए। मान्यता के अनुसार बनारसी पत्ते का बना हुआ पान चढ़ाने से भी हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। वहीं जो भक्त रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करते हैं या इनके दोहे प्रतिदिन पढ़ते हैं तो उन्हें हनुमानजी का विशेष स्नेह प्राप्त होता है।
: पं. शर्मा के अनुसार श्रीराम के मंत्रों का जप करने वाले भक्त पर हनुमानजी अति प्रसन्न होते हैं और सदैव कृपा बनाए रखते हैं। हनुमानजी को हर मंगलवार या शनिवार सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना चाहिए।
इसके साथ ही सिंदूर बजरंगबली को अति प्रिय है और जो भक्त उन्हें सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
: नियमित रूप से हनुमानजी को धूप-अगरबत्ती लगाना चाहिए। हार-फूल अर्पित करना चाहिए।
: हनुमानजी को फोटो घर में किसी पवित्र स्थान पर लगाएं, फोटो इस प्रकार लगाएं जिससे हनुमानजी दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए दिखाई दें। इसके साथ ही किसी भी खास मुहूर्त में या त्यौहार या विशेष तिथि पर हनुमानजी का पूरा शृंगार अपनी श्रद्धा अनुसार करवाना चाहिए।
बजंरगबली का शक्तिशाली पाठ : मिलेगी हर संकट से मुक्ति
पंडित शर्मा के अनुसार हनुमान चालीसा के पाठ के संबंध में मान्यता है कि इसके निरंतर जाप से व्यक्ति की हर तरह की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
लेकिन इसके अलावा भी ज्योतिष में इनसे संबंधित एक और पाठ का वर्णन किया गया है जिसका जाप करने से जातको सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है।
दरअसल ज्योतिष के अनुसार संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करना बहुत लाभदायक माना जाता है। कहते हैं कि मंगलवार के दिन हनुमान अष्टक के विधिवत पाठ से शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को हनुमान अष्टक का पाठ कैसे करना चाहिए, इससे बारे में जानकारी नहीं होती।
जिस के चलते वो इसे करने से डरते हैं। पं. शर्मा के अनुसार कुछ महान विद्वानों का कहना है कि हनुमान अष्टक पाठ को करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं है। इसका पाठ कभी भी, कहीं भी किया जा सकता है। मगर आप तुरंत इसके शुभ फल को पाना चाहते हैं तो इसके लिए एक शास्त्रीय तरीका मौज़ूद है।
हनुमान अष्टक के विधिवत पाठ की विधि :
: सबसे पहले इस पाठ को करने से पहले जहां भी बैठकर पाठ करना हो वहां हनुमान जी की एक तस्वीर के साथ-साथ ही श्रीराम का चित्र ज़रूर स्थापित करें।
: फिर दोनों तस्वीरों के सामने घी का दिया जलाएं और साथ में एक तांबे के गिलास में पानी भरकर रख दें। इसके बाद पूरे मन से हनुमान बाहुक का पाठ करें।
: जब पाठ समाप्त हो जाए तो तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीड़ित व्यक्ति को पिला दें या जिसके लिए यह पाठ किया हो उसे पिला दें। ज्योतिष के अनुसार इनकी पूजा करते समय पानी के साथ-साथ हनुमान जी को तुलसी के पत्ते भी अर्पित किए जा सकते हैं।
कहते हैं तुलसी के पावन पत्ते पूजा को अधिक सकारात्मक बनाते हैं। पाठ पूरा करने के बाद इन पत्तों का सेवन करने से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। बता दें कि ज़रूरी नहीं है कि केवल कष्ट होने पर ही इसका पाठ करना चाहिए, रोज़ाना भी हनुमान बाहुक का पाठ करना फलदायी होता है।
हनुमान अष्टक...
बाल समय रवि भक्षि लियो, तब तीनहुं लोक भयो अंधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।1।
देवन आनि करी विनती तब, छांड़ि दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।2।
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारौ।
चौंकि महामुनि शाप दियो तब, चाहिए कौन विचार विचारो।3।
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।4।
अंगद के संग लेन गये सिय, खोज कपीस ये बैन उचारो।
जीवत ना बचिहों हमसों, जु बिना सुधि लाये यहां पगुधारो।5।
हेरि थके तट सिन्धु सबै तब, लाय सिया, सुधि प्राण उबारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।6।
रावन त्रास दई सिय की, सब राक्षसि सों कहि शोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाय महा रजनीचर मारो।7।
चाहत सीय अशोक सों आगि, सो दे प्रभु मुद्रिका शोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।8।
बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्रान तजे सुत रावन मारो।
ले गृह वैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो।9।
आन संजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।10।
रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग की फाँस सबै सिर डारौ।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयौ यह संकट भारो।11।
आनि खगेश तबै हनुमान जी, बन्धन काटि सो त्रास निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।12।
बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देविहिं पूजि भली विधि सों, बलि देहुं सबै मिलि मंत्र विचारो।13।
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।14।
काज किये बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि विचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसौं नहिं जात है टारो।15।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कुछ संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।16।
संकटमोचन हनुमान अष्टक दोहा:
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दनव दलन, जय जय जय कपि सूर।।
हनुमानजी को प्रसन्न करने के उपाय (hanuman ji ko khush karne ke upay) ...
कलियुग में रामभक्त हनुमानजी को प्रत्यक्ष जीवित एवं अमर रहने का वरदान प्राप्त है और इसीलिए उनको चिरंजीवी भी कहा गया है। बजरंग बलि भक्तों की प्रार्थना सुनकर स्वयं उनकी समस्याओं को दूर कर उनकी रक्षा करते है।
सप्ताह में मंगलवार और शनिवार हनुमानजी के दिन माने गए हैं, यही कारण है कि मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ अन्य दिनों की अपेक्षाकृत अधिक दिखाई देती है।
पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि हनुमानजी के कुछ विशेष उपाय हैं। जिनसे आप हनुमानजी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और यह उपाय करने से निश्चित रूप से आपकी हर समस्या का समाधान हो जाता है।
1. हनुमान जी को प्रसन्न करने का पहला उपाय (hanuman ji ko khush karne ka 1st upay):
सवा किलो उड़द की दाल और ढाई सौ ग्राम काली तिल को मिलाकर आटा पीस लें। अब प्रति मंगलवार इस आटे को गूंथकर दीपक बनाएं और 11 मंगलवार तक बढ़ते हुए क्रम में हनुमानजी को अर्पित करें, जैसे पहले दिन एक दीपक, दूसरे दिन दो, तीसरे दिन तीन दीपक लगाएं…, इसी तरह 11 दिनों तक 11 दीपक लगाएं।
लेकिन ध्यान रहे कि यह दीपक सरसों के तेल में ही लगाए गए हों। जब 11 दिन पूरे हो जाएं तो घटते क्रम में दीपक लगाना शुरू कर दें। इस उपाय को करने से आपकी हर समस्या से आप छुटकारा पा सकते हैं। चाहे फिर कर्ज मुक्ति हो, घर या व्यापार की समस्या या फिर अन्य समस्या के शीघ्र ही आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
2. हनुमान जी को प्रसन्न करने का दूसरा उपाय (hanuman ji ko khush karne ka 2nd upay):
अगर आप अनावश्यक रूप से होने वाले खर्चों से परेशान है और उनसे निजात पाना चाहते हैं तो एक गोमती चक्र, एक नारियल पर सिंदूर लगाकर मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में अर्पित करें।
माना जाता है ऐसा करने से आपकी कीमती कमाई व्यर्थ खर्च नहीं होगी।
3. हनुमान जी को प्रसन्न करने का तीसरा उपाय (how to make hanuman ji happy):
घर या व्यापार में अगर आप नकारात्मक ऊर्जा महसूस करते हैं या किसी की बुरी नजर व जादू-टोने से उसे बचाना हो तो आप यह टोटका आजमा सकते हैं…
मंगलवार के दिन मंदिर जाकर हनुमानजी के बाएं पैर एवं बाएं कंधे का सिंदूर लेकर आएं। अब इस सिंदूर से घर या ऑफिस के मुख्य द्वार के बाहर ऊपर की तरफ श्रीराम लिख दें।
ऐसा करने से आपके घर या ऑफिस पर लगी बुरी नजर एवं किसी भी प्रकार के जादू-टोने का असर समाप्त हो जाएगा और हनुमानजी स्वयं उसकी रक्षा करेंगे।
4. हनुमान जी को प्रसन्न करने का चौथा उपाय :
किसी भी खास मुहूर्त में या त्यौहार या विशेष तिथि पर हनुमान जी का पूरा शृंगार अपनी श्रद्धा अनुसार करवाना चाहिए।
मिठाई: हनुमान जी को मिठाई भी अर्पित करनी चाहिए। मिष्ठान्न अर्पित करने पर भी देवी-देवताओं की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
पांच प्रकार के फल: पूजन कर्म में फल चढ़ाने की भी विशेष परंपरा है। अत: हनुमान जी को भी किसी भी प्रकार के पांच मौसमी फल चढ़ाने चाहिए।
पान: हनुमान जी को लगा हुआ मीठा बनारसी पान भी चढ़ाया जाता है। पान में लौंग भी लगाएं
धूप-बत्ती: अगरबत्ती और धूप आदि चढ़ाने से सभी देवी-देवताओं की कृपा शीघ्र ही प्राप्त हो जाती है।
नारियल: किसी भी पूजन कर्म में नारियल का विशेष स्थान है। अत: हनुमान जी को भी नारियल विशेष रूप से चढ़ाना चाहिए।
फूल:देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति के लिए उन्हें पुष्प-हार चढ़ाना श्रेष्ठ विकल्प माना जाता है।
सिंदूर और चमेली का तेल: सिंदूर और चमेली के तेल से ही हनुमान जी का श्रंगार किया जाता है।
5. हनुमान जी को प्रसन्न करने का पांचवा उपाय :
अगर आप अपने आसपास, ऑफिस या कहीं भी अपने दुश्मनों से परेशान हैं तो प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करने से लाभ होगा क्योंकि हनुमानजी खुद दुश्मनों से आपकी रक्षा करते हैं।
6. हनुमान जी को प्रसन्न करने का छठा उपाय :
हनुमान जी के बारह नामों की महिमा अपार है।
: राम भक्त, महाबल, महावीर हनुमान, बजरंग बली, शंकर सुमन, केसरी नंदन, अंजनी पुत्र, पवन सुत, अमित विक्रम, समेष्ट, लक्ष्मण, प्राण दाता - माना जाता है कि प्रात:काल उठते ही जिस अवस्था में हैं, इन बारह नामों को ग्यारह बार लेने से व्यक्ति दीर्घायु होता है।
: नित्य नियम के समय नाम लेने वाला व्यक्ति पारिवारिक सुखों से तृप्त होता है।
: रात्रि को सोते समय नाम लेने वाला व्यक्ति शत्रुजित होता है।
: इसके अलावा इन बारह नामों का निरंतर जाप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमान जी महाराज दसों दिशाओं से एवं आकाश-पाताल से रक्षा करते हैं।
: यह भी माना जाता है कि यात्रा के समय या न्यायालय में पड़े विवाद के लिए बारह नाम अपना चमत्कार दिखाते हैं।
: वहीं मान्यता के अनुसार लाल स्याही से मंगलवार को भोज पत्र पर ये बारह नाम लिखकर मंगलवार के ही दिन ताबीज बांधने से कभी सिरदर्द नहीं होता। गले या बाजू में ताम्बे का ताबीज ज्यादा उत्तम माना गया है।
: हर रोज रात के समय हनुमान जी के सामने तेल का दीपक लगाना चाहिए। इससे बहुत जल्द व्यक्ति का बुरा समय बदल जाता है। धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
Published on:
18 May 2020 02:26 pm
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