
Pujan-Havan in Vishwakarma temple (Photo- Patrika)
अंबिकापुर। शहर के मैरिन ड्राइव तालाब के पास स्थित भगवान श्री विश्वकर्मा मंदिर में सार्वजनिक श्री विश्वकर्मा पूजन समारोह भक्तिभाव व धूमधाम (Vishwakarma puja 2025) से मनाया गया। श्री विश्वकर्मा सेवा समिति द्वारा पूजा के लिए भव्य तैयारियां की गई थीं। सुबह से ही लोग मंदिर में परिवार के साथ पहुंचे और पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। विश्कर्मा भगवान की जयकार से पूरा मंदिर परिसर गूंजता रहा। पूजन-हवन में शामिल होने काफी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। निजी संस्थानों व गैरेजों में भी देवशिल्पी की पूजा हुई।
श्री विश्वकर्मा सेवा समिति के अध्यक्ष जय सियाराम विश्वकर्मा के नेतृत्व में 16 सितंबर से ही पूजन कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत (Vishwakarma puja 2025) हो गई थी। मंगलवार से शुरु अखंड रामायण पाठ का समापन बुधवार की सुबह 11 बजे हुआ। इसके बाद श्री विश्वकर्मा चालीसा के पाठ का वाचन किया गया।
दोपहर 12 बजे से देवशिल्पी की पूजा के बाद हवन और आरती में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके बाद प्रसाद वितरण व भंडारा का आयोजन किया गया। शाम 7 बजे 101 थाल की महाआरती हुई, जिसमें सपरिवार लोग शामिल हुए। पूजन कार्यक्रम में पर्यटन व संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल व सरगुजा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक भी शामिल हुए।
इधर दिनभर मंदिर के बाहर वाहनों की लाइन पूजा करवाने के लिए लगी रही। 18 सितंबर को दोपहर 2 बजे से कीर्तन मंडली के साथ भगवान श्री विश्वकर्मा (Vishwakarma puja 2025) की शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से निकलेगी, इसका समापन शंकरघाट में होगा।
पूजन कार्यक्रम (Vishwakarma puja 2025) में विश्वकर्मा सेवा समिति के नंदु विश्वकर्मा, रामाधार विश्वकर्मा, विरेन्द्र विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, नवल किशोर शर्मा, निर्मल शर्मा, लवकुश शर्मा, शेषनाथ शर्मा, राकेश विश्वकर्मा, रंजन शर्मा, व्यास विश्वकर्मा, उपेन्द्र विश्वकर्मा, रविन्द्र विश्वकर्मा, उदय विश्वकर्मा,
अखिलेश विश्वकर्मा, जितेन्द्र शर्मा, अमर शर्मा, चुनमुन शर्मा, मिंटु शर्मा, मंजय शर्मा, संतोष विश्वकर्मा, लक्ष्मण विश्वकर्मा, गणेश विश्वकर्मा, रामजी विश्वकर्मा, महेन्द्र विश्वकर्मा, अशोक विश्वकर्मा, श्रवण शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।
भगवान विश्वकर्मा की पूजा (Vishwakarma puja 2025) शहर समेत सरगुजा संभाग में जगह-जगह हुई। सुबह से ही लोगों ने अपने वाहनों की साफ-सफाई, धुलाई कराकर पूजा की। निजी संस्थानों, गैरेजों से लेकर कोल माइंस में देवशिल्पी पूजे गए। इसके बाद प्रसाद वितरण व भंडारे का भी आयोजन किया गया।
Updated on:
17 Sept 2025 07:28 pm
Published on:
17 Sept 2025 07:20 pm
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