
Vasundhara Raje (Photo-X)
Vasundhara Raje Statement: धौलपुर: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का एक बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। धौलपुर प्रवास के दौरान वसुंधरा राजे ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में वनवास का समय आता है। इस काल को पार करने के बाद ही वनवास से वापसी होती है।
बता दें कि वसुंधरा राजे परशुराम धर्मशाला में चल रही रामकथा सुनने पहुंची थीं। उन्होंने संत मुरलीधर का आशीर्वाद लिया। इसके बाद राजनिवास पैलेस में पहुंचीं, वहां राजे ने लोगों को संबोधित किया।
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि धौलपुर के लोग मेरा परिवार हैं। प्रदेश में हर जगह लोगों को संबोधित किया है, लेकिन धौलपुर में उनका स्थान एक बहू का है। राजे ने आज के समय को अजीब बताते हुए कहा कि जिसे अपना समझा जाए, वह पराया हो जाता है। परिवार में सभी की अलग-अलग जिम्मेदारी होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने संबोधन में भगवान राम की सीख का उल्लेख करते हुए कहा कि रामराज्य का मूल मंत्र है कि सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोग मिलकर साथ रहें। उन्होंने कहा कि परिवार और समाज को एकजुट करके आगे बढ़ाना ही रामराज्य की भावना है। राजे ने यह भी कहा कि डर तभी लगता है, जब इंसान जानबूझकर गलत करता है, यदि जीवन में धर्म और वेद विज्ञान को अपनाया जाए तो भय समाप्त हो जाता है।
हालांकि, यह बयान धार्मिक कथा के संदर्भ में था, लेकिन उनके "वनवास" वाले कथन को राजनीतिक हलकों में उनकी सक्रिय राजनीति से दूरी से जोड़कर देखा जा रहा है। जानकार मानते हैं कि लंबे समय से पार्टी संगठन में उतार-चढ़ाव का सामना करने के बाद अब उनका यह धार्मिक बयान राजनीतिक मायने भी रखता है।
वसुंधरा राजे के बयान पर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ने वसुंधरा जैसी बड़ी नेता को जबरन वनवास दिया है। इसलिए वह इस तरह की बातें कह रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया है, यही उनकी पीड़ा झलकाती है।
Updated on:
30 Aug 2025 01:45 pm
Published on:
30 Aug 2025 07:27 am
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