Chia seeds vs Chia Microgreens : आजकल सुपरफूड्स की दुनिया में एक दिलचस्प मुकाबला चल रहा है। एक तरफ हैं हमारे जाने-पहचाने चिया सीड्स जो अपने छोटे -छोटे दानों में ढेर सारे पोषक तत्व समेटे हुए हैं। और दूसरी तरफ हैं उनके छोटे भाई, चिया माइक्रोग्रीन्स, जो नई-नई दस्तक दे रहे हैं और अपनी ताजगी और पौष्टिकता से लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। तो आखिर इन दोनों में से कौन है सेहत के लिए ज्यादा बेहतर? आइए, गहराई से समझते हैं इनके फायदे और जानते हैं कि आपकी सेहत के लिए कौन सा विकल्प बेहतर है।
चिया सीड्स मतलब छोटे-छोटे बीज जो साल्विया हिस्पैनिका नाम के पौधे से आते हैं। ये दिखने में तो मामूली लगते हैं लेकिन अंदर से जबरदस्त होते हैं। फाइबर, प्रोटीन, ओमेगा-3, सब भरपूर मात्रा में भरा है। पानी में डालो तो फूल के जैली जैसे हो जाते हैं। इसी वजह से स्मूदी या पुडिंग बनाने वाले इन पर फिदा रहते हैं।
अब बात करें चिया माइक्रोग्रीन्स (अंकुरित चिया के बीज) की ये असल में वही चिया पौधे के बच्चे हैं मतलब पौधे के बहुत छोटे-छोटे अंकुरित बीज। बीज बोने के एक-दो हफ्ते बाद ही इन्हें काट लिया जाता है। स्प्राउट्स से थोड़ा अलग हैं, क्योंकि इन्हें सिर्फ पानी में नहीं बल्कि मिट्टी या हाइड्रोपोनिक्स में उगाया जाता है। इससे इनमें क्लोरोफिल भी आता है और पत्ते वाले पोषक तत्व भी।
पहले बात करते हैं चिया सीड्स की। हर 100 ग्राम में करीब 31% फैट (ओमेगा-3 वाला), 16% प्रोटीन, 42% कार्ब्स (इसमें भी 34% फाइबर गट हेल्थ वालों के लिए अच्छा। दो बड़े चम्मच यानी लगभग 28 ग्राम चिया सीड्स खाने से 5 ग्राम ओमेगा-3, 5 ग्राम प्रोटीन और 10 ग्राम फाइबर मिल जाता है। ये हार्टऔर पेटके लिए फायदेमंद होता है।
अब आते हैं चिया माइक्रोग्रीन्स पर यहां पर बात थोड़ी अलग है। सूखे वजन के हिसाब से देखो तो लगभग 34.7% प्रोटीन, सिर्फ 6.9% वसा, 32% कार्बोहाइड्रेट, और 18% मिनरल्स। लेकिन अगर ताजे माइक्रोग्रीन्स का 100 ग्राम खा लिए तो मिलेंगे तकरीबन 16.5 ग्राम प्रोटीन, 30.7 ग्राम वसा और 34.4 ग्राम फाइबर। असली वसा सूखे में ही कम है फ्रेश वाले बस पानी से भरे हैं।
चिया सीड्स स्वस्थ वसा से भरपूर होते हैं, जबकि माइक्रोग्रीन्स में प्रति कैलोरी अधिक प्रोटीन और फाइबर होता है।
चिया सीड्स और सब्जा सीड्स किसका सेवन है ज्यादा फायदेमंद?
कैंसर जैसी बीमारी से बचने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। वैसे चिया सीड्स और माइक्रोग्रीन्स ये दोनों असली सुपरफूड्स हैं। कई स्टडीज ने दिखाया है कि इनमें जो एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं वो कैंसर सेल्स की बढ़त पर ब्रेक लगा सकते हैं। फ्लेवोनोइड्स या फिर क्लोरोफिल से निकले एंटीऑक्सीडेंट्स…ये कैंसर के दुश्मन हैं। और ओमेगा-3 फैटी एसिड? वो भी कुछ तरह के कैंसर का रिस्क घटाने में मदद कर सकता है। अगर अपने खाने में ये चीजें शामिल करेंगे तो कैंसर से बचने की कोशिशों में एक पॉवरफुल ऑप्शन मिल जाता है।
चिया सीड्स हों या चिया माइक्रोग्रीन्स, दोनों ही अपने-अपने तरीके से कमाल के हैं। कोई एक दूसरे से कम नहीं है।
चिया सीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भरे पड़े हैं, फाइबर की भी कोई कमी नहीं।
अब बात करें चिया माइक्रोग्रीन्स की तो ये तो जैसे ताजगी का फुल पैकेज हैं। प्रोटीन, मिनरल, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, सब कुछ एक ही जगह।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
Published on:
26 Jun 2025 01:56 pm