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सामने आया सच…. जल गंगा संवर्धन अभियान की खुली पोल, पहली बारिश में बह गया लाखों में बना तालाब

jal ganga sanvardhan abhiyan: डिंडौरी जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत बने तालाब पहली बारिश में बह गए। घटिया निर्माण की पोल खुली, किसानों की फसलें बर्बाद, ग्रामीणों ने जांच और मुआवजे की मांग की। (mp news)

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talab collapse first rain jal ganga sanvardhan abhiyan exposed (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया एक्स.कॉम)

talab collapse first rain jal ganga sanvardhan abhiyan exposed (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया एक्स.कॉम)

mp news: डिंडौरी जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान योजना (jal ganga sanvardhan abhiyan) के तहत बनाए गए तालाबों की हकीकत सामने आने लगी है। अभियान के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए तालाब पहली बारिश में बहना शुरू हो गए। जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत रुशा और ग्राम देवरी के भरवई में बने तालाब पहली ही बारिश में बह गए, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिली है।

ग्रामीणों के अनुसार, तालाब निर्माण में तय मानकों का पालन नहीं किया गया। तालाब निर्माण में काली मिट्टी का उपयोग गीला कर और रोलर से दबाकर किया जाना चाहिए था, लेकिन जिम्मेदारों ने सिर्फ औपचारिकता निभाई। नतीजतन तालाब की मेढ़ से पानी का रिसाव होने लगा और भारी बारिश में तालाब का बड़ा हिस्सा बह गया।

निर्माण कार्य पर सवाल

स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री और तकनीकी लापरवाही बरती गई। अब आनन-फानन में मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है, ताकि जिम्मेदारों की लापरवाही पर पर्दा डाला जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक निर्माण में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं होगी, तब तक ऐसी घटनाएं सामने आती रहेंगी।

बारिश ने उजागर कर दी असलियत

ग्राम पंचायत रुशा में करीब 24 लाख रुपए की लागत से सुखार नाले में तालाब का निर्माण कराया गया था। इसी तरह ग्राम देवरी के भरवई में भी लाखों रुपए से तालाब बनाया गया था। पहली ही बारिश में दोनों तालाबों के मेढ़ कटकर बह गए, जिससे निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुल गई।

किसानों की फसल बर्बाद, मुआवजे की मांग

तालाब फूटने से आसपास के खेतों में पानी भर गया। जिससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई। किसानों ने प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है। किसानों ने कहा हमारी पूरी फसल बर्बाद हो गई है। सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। ये तालाब हमारे किसी काम नहीं आया, उल्टा नुकसान करा गया।
घटना के बाद ग्रामीणों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। फिलहाल जिम्मेदार अधिकारी मरम्मत कार्य में जुटे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ये तात्कालिक सुधार मूलभूत खामियों को दूर कर पाएगा या फिर यह भी महज दिखावा बनकर रह जाएगा। दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।