
Rohan Mirchandani death from cardiac arrest
Rohan Mirchandani death : 21 दिसंबर को 42 वर्षीय रोहन मिर्चंदानी (Rohan Mirchandani) का कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। यह खबर उनके कंपनी ‘ड्रम्स फूड इंटरनेशनल’ ने साझा की। बोर्ड ने एक बयान में कहा, “रोहन न केवल एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, बल्कि सभी के लिए प्रेरणा भी थे।”
यह घटना फिर से दिल की सेहत और हृदयाघात (Heart attack) के बढ़ते मामलों पर ध्यान देने की आवश्यकता को दर्शाती है।
पिछले साल, अभिनेत्री सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) ने अपने Heart attack का अनुभव साझा किया, जिसमें उनकी एक धमनी में 95% रुकावट थी। उनके कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कि उनकी फिटनेस रूटीन ने उन्हें जीवनदान दिया।
नियमित व्यायाम मांसपेशियों और टिश्यू को इस तरह तैयार करता है कि वे कम ऑक्सीजन में भी काम कर सकें। इससे न केवल दिल की कार्यक्षमता बढ़ती है बल्कि रक्त प्रवाह भी बेहतर होता है।
नियमित व्यायाम से मांसपेशियां अधिक ऑक्सीजन निकाल सकती हैं, जिससे दिल पर तनाव कम होता है।
यह ‘एचडीएल’ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है, जो दिल के लिए फायदेमंद है।
ब्रिस्क वॉकिंग, तैराकी और हल्की दौड़ जैसे व्यायाम करने से रक्त संचार बेहतर होता है और धमनियां लचीली रहती हैं।
Heart attack के बाद ‘कार्डियक रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम’ अपनाना चाहिए।
स्टेंटिंग के बाद यदि हृदय को ज्यादा क्षति नहीं हुई हो, तो हल्का व्यायाम सात दिन के भीतर शुरू किया जा सकता है।
उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को व्यायाम धीरे-धीरे शुरू करना चाहिए और किसी भी असुविधा को तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए।
पारंपरिक तेल:
मूंगफली के तेल का इस्तेमाल करें, लेकिन इसे जरूरत से ज्यादा गर्म न करें।
रंगीन सब्जियां:
एंटीऑक्सीडेंट और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां हृदय को मजबूत बनाती हैं।
भारतीय थाली का महत्व:
संतुलित थाली जिसमें सभी खाद्य समूह शामिल हों, दिल के लिए आदर्श मानी जाती है।
डॉ. भगवत ने आगाह किया कि तनाव, मधुमेह, धूम्रपान और कुछ दवाइयों का हृदय पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
तनाव को समझें:
तनाव के कारण एड्रेनालिन और कोर्टिसोल का उत्पादन होता है, जो धमनियों में सूजन और रुकावट का कारण बन सकते हैं।
नियमित जांच का महत्व:
खासकर जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो, उन्हें नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए।
रोहन मिर्चंदानी की मृत्यु हमें दिल की सेहत के प्रति जागरूक होने का संदेश देती है।
नियमित व्यायाम अपनाएं।
संतुलित आहार खाएं।
तनाव को नियंत्रित करें।
समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराएं।
दिल की सेहत आपके हाथ में है। इसे नज़रअंदाज न करें।
Published on:
23 Dec 2024 04:13 pm
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