
भारतीय आदिवासी पार्टी के बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत। पत्रिका फोटो
Rajkumar Roat : भारतीय आदिवासी पार्टी के बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की ओर से लगाए गए आरोपों के संबंध में प्रतिक्रिया देने से इंकार करते हुए कहा कि उदयपुर सांसद को उनकी पार्टी ने आदिवासी अंचल में जनजाति समाज को आपस में लड़ाने के लिए खुला छोड़ रखा है। उनके बयानों पर किसी को ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हमने कब क्या किया और क्या करना चाहिए था। यह जनता के सामने है। आदिवासियों के हितों के लिए कौन लड़ रहा है वह जनता स्वयं निर्णय कर लेगी। सांसद मन्नालाल रावत जब भी डूंगरपुर-बांसवाड़ा के दौरे पर आते हैं, तो वह सिर्फ लड़ाने का ही काम करते हैं। जबकि, उनको विकास पर ध्यान देना चाहिए।
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि जनजाति समाज इसाई मिशनरियों के टारगेट पर रहा है। वह उन्हें लोभ-लालच में लेकर जनजाति संस्कृति को खत्म कर रहे हैं। इससे न केवल जनजाति समाज की आबादी कम हो रही है। अपितु, हमारी पूरी सभ्यता का हृास हो रहा है। इसका सबसे बड़ा नुकसान जनजाति समाज को ही हो रहा है।
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि एसटी को मिलने वाले आरक्षण में से 72 फीसदी छात्रवृतियां, 70 फीसदी विकास अनुदान, 68 फीसदी धर्मांतरित लोग ही फायदा उठा रहे हैं। धर्मांतरण के विरोध में देश के 22 राज्यों में समाज आंदोलन कर रहा है। सभी चाहते हैं कि धर्मांतरण करने वाले लोगों को एसटी-एससी का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
Published on:
14 Sept 2025 01:17 pm
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