
Rajasthan Government New Order : राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दे दी है। कर्मचारी अवकाश लेकर निजी दौरे पर विदेश जा सकेंगे। सरकार ने सक्षम अधिकारी को अवकाश देने और विदेश दौरे पर जाने का अधिकार दे दिया है। राज्य कर्मचारी इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस संबंध में वित्त विभाग के सचिव देवाशीष पृष्टि ने आदेश जारी किया है। इस आदेश का फायदा बोर्ड-निगम के कर्मचारियों को भी मिलेगा। पहले कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में ही विदेश दौरे पर जाने की अनुमति मिलती थी। वहीं, सरकार में उच्च स्तर पर आवेदन करना पड़ता था। नई गाइडलाइन के तहत निजी विदेश यात्रा के लिए अपने सक्षम अधिकारी से मंजूरी के अलावा उन्हें किसी अन्य तरह की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को निजी विदेश यात्राओं के लिए मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी। विदेश जाने के लिए अवकाश राजस्थान सेवा नियम 1951 (यथा संशोधित) अथवा संबंधित कर्मचारी के लिए निर्धारित नियमों के प्रावधानों के अनुसार स्वीकृत किए जा सकेंगे।
पहले कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में ही विदेश दौरे जाने की अनुमति दी जाती थी। इसके लिए सरकार में कार्मिक विभाग को आवेदन करना पड़ता था। आम तौर पर सीएस और सीएम तक फाइल जाती थी और कई जटिल प्रक्रियाओं के बाद ही मंजूरी मिल पाती थी।
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सरकार ने विदेश यात्रा के लिए आवेदन प्रपत्र भी जारी किया है। इसमें संबंधित कर्मचारी या अधिकारी की जानकारी के साथ ही विदेश यात्रा का स्थान, अवधि, कारण, संभावित खर्च और इस खर्च के स्त्रोत की जानकारी भी मांगी गई है। साथ ही यह जानकारी भी देनी होगी कि पिछले चार वर्ष में कर्मचारी किन देशों में कितनी अवधि और किस कारण से विदेश यात्रा पर गया है। आवेदन पत्र राजकाज पोर्टल पर उपलब्ध होगा। फिलहाल आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन होगी।
1- विदेश दौरे के दौरान किसी सेवा या व्यवसाय में शामिल नहीं होगा।
2- यात्रा दौरान विदेशी मुद्रा स्वीकार नहीं की जाएगी।
3- यात्रा का कोई भी खर्च वहन नहीं करेगी सरकार।
4- सरकारी रिकॉर्ड और सूचनाओं की रखनी होगी गोपनीयता।
5- विदेशी आतिथ्य को स्वीकार करने के लिए सक्षम स्तर पर अनुमति जरूरी।
6- न्यायिक प्रक्रिया लंबित नहीं होनी चाहिए।
7- विदेश से लौटने पर विभागीय अधिकारियों को अवगत कराना होगा।
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की निजी विदेश यात्राओं के बारे में अब तक इस तरह खर्च और स्त्रोत का ब्यौरा नहीं मांगा जाता था। हालांकि, कारण और अवधि जरूर पूछी जाती थी। पर, आवेदन पहली बार जारी किया है, जिसमें खर्च और स्त्रोत की जानकारी मांगी है।
जिला शिक्षा अधिकारी, डूंगरपुर आरएल डामोर ने कहाकि विदेश जाने के लिए पूर्व की प्रक्रिया काफी जटिल थी। इसमें महीनों गुजर जाते थे। कई बार आक्षेप लग जाते थे। अब विभाग स्तर पर होने से समय की बचत होगी।
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Published on:
14 Oct 2024 02:52 pm
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