27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चौरासी उपचुनाव परिणाम: BAP के किले को नहीं ढहा पाई भाजपा, अनिल कटारा जीते, ये रहा जीत-हार का अंतर

चौरासी विधानसभा सीट पर आदिवासी वोटर ही गेमचेंजर साबित होते हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस इसमें सेंध लगाने में कामयाब नहीं हो पाई और कटारा ने आसानी से चुनाव निकाल लिया।

3 min read
Google source verification
Anil Katara

Chaurasi By Election Result: राजस्थान की चौरासी विधानसभा सीट से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के प्रत्याशी अनिल कटारा की जीत हुई है। वहीं बीजेपी प्रत्याशी कारीलाल ननोमा और कांग्रेस प्रत्याशी महेश रोत को हार का सामना करना पड़ा है। कटारा ने यह चुनाव 23,842 मतों से जीत लिया है। कटारा को 88389, भाजपा के कारीलाल निमोमा को 64,547 और कांग्रेस के महेश रोत को महज 15,860 वोट मिले हैं। वहीं चुनाव परिणाम के बाद अनिल कटारा ने कहा कि वे जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे। उन्होंने कहा कि सभी वादे पूरे किए जाएंगे। सरकार ने यहां पूरा तंत्र लगा दिया। लोगों के भरोसे पर खरा उतरेंगे।

बीएपी को मिला आदिवासी वोटरों का साथ

दरअसल चौरासी विधानसभा सीट पर आदिवासी वोटर ही गेमचेंजर साबित होते हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस इसमें सेंध लगाने में कामयाब नहीं हो पाई और कटारा ने आसानी से चुनाव निकाल लिया। जातीय समीकरण पर गौर करें तो यह आदिवासी बहुल सीट है। आदिवासी वोटरों की संख्या करीब 75 फीसदी है। 25 फीसदी ही दूसरी जातियों, जिसमें मुस्लिम, ब्राह्मण, राजपूत, और ओबीसी हैं। वहीं अनिल कटारा आदिवासी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। वहीं चिखली क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी से जिला परिषद सदस्य हैं।

राजकुमार रोत का भी दिखा जलवा

दरअसल इस सीट पर पिछले कई विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला देखा गया है, लेकिन साल 2018 में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने चुनावी मैदान में एंट्री मारी और चौरासी विधानसभा में राजनीतिक विशेषज्ञों के गणित को बिगाड़ दिया। 2018 के चुनाव में बीटीपी पार्टी से राजकुमार रोत विधायक बने। उन्होंने 12 हजार से ज्यादा वोटों की लीड लेकर भाजपा के सुशील कटारा को हराया था।

वहीं साल 2023 में नई पार्टी बीएपी से राजकुमार रोत फिर मैदान में उतरे और बड़ी जीत दर्ज की। इस चुनाव में भी उन्होंने 69 हजार से ज्यादा वोटों की लीड लेते हुए भाजपा के सुशील कटारा को शिकस्त दी थी। चौरासी विधानसभा को राजकुमार रोत का गढ़ माना जाता है। उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था। ऐसे में इस सीट के नतीजों का भारत आदिवासी पार्टी और सांसद राजकुमार रोत के राजनीतिक भविष्य पर खास असर पड़ने वाला था। इसलिए रोत भी चुनावी मैदान में डटे रहे और आखिरकार अपने गढ़ को बचा लिया।

कांग्रेस-बीएपी के बीच नहीं हुआ गठबंधन

लोकसभा चुनाव में बीएपी और कांग्रेस गठबंधन कर मैदान में उतरी थी, लेकिन उपचुनाव में दोनों ने पार्टियों ने स्वतंत्र चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। दरअसल सांसद राजकुमार रोत ने पूर्व में कहा था कि कांग्रेस चौरासी और सलूंबर में अपने प्रत्याशी नहीं उतारती है तो बीएपी देवली-उनियारा में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। हालांकि दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनी थी। ऐसे में बीएपी परंपरागत वोट बैंक पर पकड़ और अधिक मजबूत करने में काफी पहले से जुट गई थी।

गलत साबित हुआ भाजपा का फैसला

चौरासी विधानसभा सीट पर भाजपा 1990 से ही सुशील कटारा या फिर उनके परिवार को टिकट दे रही थी। 2003 और 2013 के चुनाव में सुशील कटारा ने जीत हासिल की थी। हालांकि बीते दो चुनावों में कटारा जीत तो हासिल नहीं कर पाए, लेकिन दोनों चुनावों में वे दूसरे नंबर पर रहे थे। इस बार भी उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा सुशील कटारा को टिकट दे सकती है, लेकिन बीजेपी ने कारीलाल ननोमा को चुनावी मैदान में उतार दिया।

यह भी पढ़ें- Rajasthan Result: खींवसर में बेनीवाल की पत्नी जीतेगी या भाजपा प्रत्याशी, समर्थकों में लगी 5-5 लाख की शर्त, VIDEO वायरल

ननोमा सीमलवाड़ा पंचायत समिति के प्रधान हैं। कारीलाल सादड़िया पंचायत के पूर्व सरपंच रह चुके हैं। अभी उनकी पुत्रवधू रेखा सरपंच हैं। इनकी पत्नी हाकली देवी भी पूर्व में सरपंच रह चुकी हैं, लेकिन बीएपी के नए चेहरे के सामने ननोमा का अनुभव नहीं चला। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर भाजपा सुशील कटारा पर एक बार और विश्वास जताती, तो शायद चुनाव और भी दिलचस्प हो सकता था।

यह भी पढ़ें- Salumbar Election Result Live: सलूंबर में अंतिम समय में पलट गई बाजी, हार गई BAP; हारते-हारते भाजपा ने दर्ज की जीत


बड़ी खबरें

View All

डूंगरपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग