
डूंगरपुर चिकित्सालय में भर्ती नवजात की फाइल फोटो। अब यह बच्चा दुनिया में नहीं रहा।
Rajasthan : भीलवाड़ा के बिजौलिया के बाद पाली, अब डूंगरपुर में अस्पताल के बाहर नवजात शिशु मिला। डूंगरपुर शहर के सामान्य चिकित्सालय के बाहर बुधवार रात को एक नवजात बालक को लावारिस छोड़कर भागने का मामला सामने आया है। नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनकर एक राहगीर युवक ने उसे मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, रात को सामान्य चिकित्सालय के बाहर एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। वहां से गुजर रहे एक युवक ने आवाज सुनी और मौके पर पहुंचा। नवजात को देखकर युवक चौंक गया। परिजनों के काफी देर तक नहीं आने पर युवक ने मानवता दिखाते हुए बच्चे को तत्काल मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में भर्ती कराया।
चिकित्सकों ने नवजात की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे एसएमसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया है। सूचना मिलने पर शिशु गृह प्रबंधक कुलदीप शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। शर्मा ने बताया कि चिकित्सकों के आकलन के अनुसार, यह नवजात बालक लगभग तीन से चार घंटे पहले ही जन्मा है। उसका वजन केवल लगभग 700 ग्राम है।
चिंताजनक बात यह है कि उसके शरीर पर जगह-जगह कीड़े-मकोड़ों के काटने के निशान हैं, जिनसे खून बह रहा है। नवजात की नाजुक स्थिति को देखते हुए उसका गहन उपचार जारी है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
पाली जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। यहां 2 दिन के नवजात बच्चे को झाड़ियों में फेंक दिया गया। रोने की आवाज सुनकर पास ही स्थित मंदिर के महंत और लोगों ने मासूम को चिकित्सालय पहुंचाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
भीलवाड़ा के बिजौलियां क्षेत्र में मिले शिशु की हालत में तीसरे दिन कुछ सुधार है, लेकिन वह अभी गंभीर है। शिशु रोग विभागध्यक्ष डॉ. इंदिरा सिंह चौहान ने बताया कि गुरुवार को जांच में सामने आया कि शिशु को सांस लेने में हो रही दिक्कत थोड़ी कम हुई है। उसके घाव भरने में कम से कम 15 दिन लगेंगे। बच्चे को मिल्क बैंक से आ रहा दूध नली से दिया जा रहा है।
Updated on:
26 Sept 2025 10:33 am
Published on:
26 Sept 2025 09:56 am
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