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कर्ज के बोझ में दबे बुजुर्ग को जिन्दा रहने से आसान लगा मर जाना, सूदखोर करते थे जलील

उनकी दुकान से उधारी में टायर खरीदने वाले पैसे नहीं दे रहे हैं। उधर सूदखोर का तगादा बढ़ता जा रहा है। इसके कारण वह परेशान है। उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। मकान का किश्त चुकाना तो दूर उसके पास परिवार चलाने के लिए पैसे नहीं है।

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कर्ज के बोझ में दबे बुजुर्ग को जिन्दा रहने से आसान लगा मर जाना, सूदखोर करते थे जलील

कर्ज के बोझ में दबे बुजुर्ग को जिन्दा रहने से आसान लगा मर जाना, सूदखोर करते थे जलील

दुर्ग. सूदखोर के तगादे से तंग आकर 60 साल के एक व्यापारी ने अपनी दुकान में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। कादंबरी नगर निवासी व्यापारी प्रेमचंद जैन ने मंगलवार को सुबह 8.30 बजे कीटनाशक खा लिया। धमधा रोड पर अम्बर टायर नाम से उनकी दुकान है। उसने एक सुसाइडल नोट छोड़ा है। इसमें लिखा है कि उनकी दुकान से उधारी में टायर खरीदने वाले पैसे नहीं दे रहे हैं।

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उधर सूदखोर का तगादा बढ़ता जा रहा है। इसके कारण वह परेशान है। उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। मकान का किश्त चुकाना तो दूर उसके पास परिवार चलाने के लिए पैसे नहीं है। जैन ने सुसाइडल नोट में अपनी परेशानी तो लिखा है पर किसी सूदखोर का नाम नहीं लिखा है। सुसाइडल नोट के आधार पर मोहन नगर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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दुकान के सीसीटीवी से खुदकुशी का खुलासा

घटना की सूचना मिलने पर मोहन नगर पुलिस धमधा रोड में अम्बर टायर दुकान पहुंची। दुकान में सीसी टीवी कैमरा लगा है। फुटेज देखने पर आत्महत्या करने का खुलासा हुआ। सुबह दुकान पहुचते ही दुकाने में रखे बिल बुक का दो पन्ना निकाला और सुसाइडल नोट लिखा। फिर टेबल पर रखी डिब्बी से कुछ गोलियां निकाली और निगल लिया।

परिजनों को राशि सौंपने का किया है अनुरोध

सुसाइडल नोट में व्यापारी ने मोहनलाल और सुखदेव लाल को परिवार का ध्यान रखने का अनुरोध किया है। साथ ही उसने परिवार के सदस्यों को आलमारी में रखे खाता बही पुलिस को सौपने कहा है। मित्रों से कहा है कि वह दुकान का संचालक है, इसलिए हिसाब किताब कर जो भी इनकम हो वह राशि उसके परिजनों को सौंप दे।

डायरी में लिखा है लेन-देन का हिसाब

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि प्रेमचंद ने अपने हिसाब किताब वाला बही खाता घर के आलमारी में रखा है। इसमें किस व्यक्ति से कितना लेना है, और किसे कितना देना है उसकी पूरी जानकारी है। पुलिस ने अभी उस डायरी को जब्त नहीं किया है।

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पत्र में किसी व्यक्ति के नाम या फिर सूदखोर के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। खाता बही देखने और परिवार के सदस्यों का बयान लेने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मामला गंभीर है। सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। जांच के लिए हमने बिन्दु भी निर्धारित किए हैं।
-विवेक शुक्ला, सीएसपी दुर्ग

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