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कीमतों में हो गया था इजाफा
मानसून के आखिरी दौर में देश में हुई भारी बारिश से प्याज की फसल खराब होने के कारण पिछले साल के आखिरी तीन महीनों में प्याज के दाम में बेहद इजाफा हो गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने करीब एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया ताकि उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को काबू किया जा सके। सरकार के आदेश पर विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने करीब 40,000 टन प्याज का आयात करने के सौदे किए, लेकिन विदेशों से प्याज आने पर कीमतों में नरमी आ गई है, जिसके कारण राज्यों ने आयातित प्याज खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
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इस महीने और आएगा 18 हजार टन प्याज
केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय में सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार से प्याज खरीदा है। श्रीवास्तव के अनुसार अब तक 18,000 टन प्याज विदेशों से आ चुका है और 4,000 टन अगले 16 जनवरी तक आएगा। इसके बाद 25 जनवरी तक 9,000 टन और 30 जनवरी तक 4,000-5,000 टन प्याज विदेश से आने की संभावना है। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा दाम बीते महीने जहां 150 रुपए प्रति किलो तक चला गया था वहां यह अब 40-80 रुपए किलो बिक रहा है।