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मांग में कमजोरी के कारण Manufacturing Sector में लगातार चौथे महीने आई गिरावट

locationनई दिल्लीPublished: Aug 03, 2020 04:01:43 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

भारत के Manufacturing Sector का PMI जुलाई में 46 अंक पर रहा
June में 47.2 अंकों के मुकाबले भारत का जुलाई में PMI रहा कम

Manufacturing Sector PMI

Manufacturing sector slip for 4th consecutive maonth due to demand wea

नई दिल्ली। देश की इकोनॉमी में लगातार गिरावट के संकेत आखिर कौन से है अगर इस बात का प्रमाण चाहिए तो जुलाई में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के पीएमआई ( Manufacturing Sector PMI ) के आंकड़े देख लीजिए जो जून के मुकाबले भी कम है। भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ( Manufacturing Sector ) लगातार चौथे महीने भी गिरावट में रहा हैै। अप्रैल से लगातार इसमें गिरावट देखने को मिल रहा है। जब तक पीएमआई का आंकड़ा 50 अंकों से ज्यादा नहीं होता है तब उसे बेहतर नहीं माना जाता है। आपको बता दें कि अप्रैल के महीने से पहले लगातार 32 महीने तक पीएमआई सूचकांक 50 से ज्यादा था।

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जून से भी कम रहा जुलाई पीएमआई आंकड़ा
आईएचएस मार्किट की रिपोर्ट के अनुसार भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पीएमआई 46 अंकों पर दर्ज किया गया। जबकि जून के महीने में यह 47.2 पर था। पीएमआई के 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में इजाफे को प्रदर्शित करता है। आईएचएस मार्किट की चीफ इकोनोमिस्ट एलियॉट केर के अनुसार इंडियन मैन्युफैक्चरर से मिले आंकड़ों के पता चलता है कि कारखानों में उत्पादन और नए आर्डर ना मिलने की वजह से सूचकांक में गिरावट देखने को मिली है। बीते दो महीने से जो स्थिरता के संकेत मिले थे और कमजोर दिखाई दे रहे हैं।

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कब तक नहीं सुधरेंगे हालात
उनके अनुसार कंपनियां अभी डिमांड बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई हैं और प्रयास कर रही हैं कि प्रोडक्शन को बढ़ाया जाए, लेकिन अभी देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन देखने को मिल रहा है। इससे साफ संकेत मिलता है कि जब तक देश से वायरस और मामलों की दर में कमी नहीं आती है और लॉकडाउन के कारण लगे प्रतिबंध नहीं हटते हैं तब तक देश में आर्थिक गतिविधियां शुरू नहीं हों पाएंगी।

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इंटरनेशनल ऑर्डर भी नहीं
रिपोर्ट के अनुसार निर्यात आर्डर में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। इंटरनेशनल बायर्स ऑर्डर नहीं दे रहे हैं। उनमें अभी भी कोरोना वायरस को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।डिमांड में कमी देखते हुए इंडियन मैन्युफैक्चरर्स ने जुलाई में कर्मचारियों की संख्या में कटौती को जारी रखा है। वहीं दूसरी ओर रिपोर्ट में कोरोना ववायरस के नेगिटिव इंपैक्ट के बाद भी लगातार दूसरे महीने भविष्य की गतिविधियों को लेकर धारणा में सुधार देखा गया।

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