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जून से भी कम रहा जुलाई पीएमआई आंकड़ा
आईएचएस मार्किट की रिपोर्ट के अनुसार भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पीएमआई 46 अंकों पर दर्ज किया गया। जबकि जून के महीने में यह 47.2 पर था। पीएमआई के 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में इजाफे को प्रदर्शित करता है। आईएचएस मार्किट की चीफ इकोनोमिस्ट एलियॉट केर के अनुसार इंडियन मैन्युफैक्चरर से मिले आंकड़ों के पता चलता है कि कारखानों में उत्पादन और नए आर्डर ना मिलने की वजह से सूचकांक में गिरावट देखने को मिली है। बीते दो महीने से जो स्थिरता के संकेत मिले थे और कमजोर दिखाई दे रहे हैं।
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कब तक नहीं सुधरेंगे हालात
उनके अनुसार कंपनियां अभी डिमांड बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई हैं और प्रयास कर रही हैं कि प्रोडक्शन को बढ़ाया जाए, लेकिन अभी देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन देखने को मिल रहा है। इससे साफ संकेत मिलता है कि जब तक देश से वायरस और मामलों की दर में कमी नहीं आती है और लॉकडाउन के कारण लगे प्रतिबंध नहीं हटते हैं तब तक देश में आर्थिक गतिविधियां शुरू नहीं हों पाएंगी।
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इंटरनेशनल ऑर्डर भी नहीं
रिपोर्ट के अनुसार निर्यात आर्डर में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। इंटरनेशनल बायर्स ऑर्डर नहीं दे रहे हैं। उनमें अभी भी कोरोना वायरस को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।डिमांड में कमी देखते हुए इंडियन मैन्युफैक्चरर्स ने जुलाई में कर्मचारियों की संख्या में कटौती को जारी रखा है। वहीं दूसरी ओर रिपोर्ट में कोरोना ववायरस के नेगिटिव इंपैक्ट के बाद भी लगातार दूसरे महीने भविष्य की गतिविधियों को लेकर धारणा में सुधार देखा गया।