scriptकेंद्र सरकार का बड़ा फैसला, दो अक्टूबर से अधिकारी सीधे नहीं भेज पाएंगे आयकर नोटिस | Officials will not send income tax notice directly from October 2 | Patrika News

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, दो अक्टूबर से अधिकारी सीधे नहीं भेज पाएंगे आयकर नोटिस

Published: Sep 11, 2019 05:27:56 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

संवाददाता सम्मेलन में रविशंकर प्रसाद ने दी बड़ी जानकारी
उचित पड़ताल के बाद ही नोटिस को आगे भेजा जाएगा

income_tax_notice.png

नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि आगामी दो अक्टूबर से आयकर अधिकारी किसी भी व्यक्ति को सीधे कर संबंधी नोटिस नहीं भेज पाएंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की उपलब्धियों के बारे में बताने के लिए यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रसाद ने यह जानकारी दते हुए बताया कि सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि दो अक्टूबर से कोई कोई भी इनकम टैक्स नोटिस सीधे नहीं भेजी जा सकेगी।

यह भी पढ़ेंः- बैंक और ऑटो शेयरों की मदद से शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद, सेंसेक्स 125 उछला

उन्होंने बताया कि हर नोटिस एक केंद्रीयकृत सिस्टम या प्रणाली में आएगी और वहां इसकी उचित पड़ताल के बाद ही इसे आगे भेजा जाएगा। इससे आयकर अधिकारी बेलगाम ढंग से आयकर नोटिस भेजने के फैसले नहीं ले पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता से संबंधित मुद्दों पर कानून मंत्रालय अध्ययन कर रहा है।

यह भी पढ़ेंः- 200 रुपए चमक के साथ एक बार फिर से 39 हजारी हुआ सोना, चांदी 350 रुपए उछली

संचार, इलेक्ट्रानिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के भी प्रभारी मंत्री श्री रविशंकर ने पिछली तिमाही के दौरान जीडीपी वृद्धि दर के घट कर 5.1 फीसदी हो जाने की बात स्वीकार करते हुए इसके लिए वैश्विक और कुछ घरेलू कारणों को जिम्मेदार बताया पर दावा किया देश की अर्थव्यव्था का आधार अब भी बेहद मजबूत है क्योंकि महंगाई, वित्तीय घाटा आदि नियंत्रण में हैं और विदेशी निवेश और मुद्रा भंडार आदि बेहतर हैं। देश का कर आधार और संग्रह बढ़ा है। देश अब भी सबसे तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था है।

यह भी पढ़ेंः- रेप के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद के पास है अकूत संपत्ति, कॉलेज और आश्रम समेत इन जगहों पर लगाया हुआ है रुपया

सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई कदम भी उठाए हैं, जिनमें कारपोरेट टैक्स कम करना, बैंको को 70 हजार करोड़ रुपए की मदद, 10 बैंकों का विलय आदि शामिल हैं। रोजगार के बारे में चर्चा करते हुए प्रसाद ने कहा कि पिछले साल देश में 45 वर्ष की सबसे अधिक बेरोजगारी होने की बात संबंधी रिपोर्ट सही नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह एक ड्राफ्ट भर था, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन तथा अन्य कई क्षेत्रों के रोजगारी के आंकड़ों की अनदेखी की गयी थी। वह एक तरह से पूर्वाग्रह ग्रस्त था।

यह भी पढ़ेंः- ई-वॉलेट कंपनियों पर भारी पड़ने वाले नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के नए नियम

देश बदल रहा है और सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती पर रोजगार के अवसर जरूर उपलब्ध करा रही है। ईपीएफओ के हिसाब से ही सितंबर 2017 से जून 2019 के बीच पौने तीन करोड़ नए लोगों को रोजगार मिला है। निराशा का माहौल सही नहीं है। देश बदल रहा है, बढ रहा है और विकास कर रहा है। प्रसाद ने कहा कि नया मोटर वाहन संशोधन कानून देश हित में है, क्योंकि देश में सबसे अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं और यह संख्या आतंकवाद से मरने वालों से भी ज्यादा होती है। इससे सबसे अधिक गरीबों की ही जाने जाती हैंं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो