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नई दिल्ली। खाद्य पदार्थो और ईंधन की कीमतें ऊंची होने के कारण बीते महीने अगस्त में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.16 फीसदी हो गई। थोक महंगाई दर में 0.74 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। थोक महंगाई दर में इजाफे की सबसे बड़ी वजह आलू की कीमतें रही हैं। अगस्त के महीने में आलू की कीमतों में 83 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। वहीं दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि सरकार की ओर से किस तरह के आंकड़े जारी किए गए हैं।
थोक महंगाई दर में इजाफा
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 0.16 फीसदी दर्ज की गई है जो कि इससे पूर्व महीने में शून्य से नीचे थी। थोक महंगाई दर जुलाई में ऋणात्मक (माइनस) 0.58 फीसदी दर्ज की गई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर अगस्त महीने में 0.16 फीसदी रही जबकि पिछले साल इसी महीने में 1.17 फीसदी दर्ज की गई थी।
खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में कमी
डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक आधारित खाद्य पदार्थो की सालाना थोक महंगाई दर अगस्त में 4.07 फीसदी दर्ज की गई जबकि एक महीने पहले जुलाई में यह 4.32 फीसदी दर्ज की गई थी। मतलब जुलाई के मुकाबले अगस्त में खाद्य पदार्थो की महंगाई दर में कमी आई है।
आलू की कीमत ममें तेजी
- आलू के दाम 82.93 फीसदी बढ़े।
- सब्जियों की मुद्रास्फीति 7.03 प्रतिशत रही।
- प्याज 34.48 फीसदी सस्ता हुआ।
- ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति घटकर 9.68 फीसदी रह गई। जुलाई में यह 9.84 फीसदी थी।
- विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति बढ़कर 1.27 फीसदी हो गई, जो जुलाई में 0.51 फीसदी थी।
Published on:
14 Sept 2020 02:30 pm
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