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महापैकेज पर महामंथन
20 लाख करोड़ रुपए के महापैकेज पर आज महामंथन होगा। देश वित्त मंत्री ने इस पैकेज के आर्थिक सुधारों को लेकर भी बात की थी, साथ ही कई राहतों का भी ऐलान हुआ था। उन सब की समीक्षा की जाएगी। साथ इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि आखिर इस घोषणाओं और योजनाओं को देश की आम जनता तक कैसे पहुंचाया जाए। आपको बता दें कि केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। कांग्रेस और बाकी पार्टियों का कहना है कि घोषणाएं आम जनता तक पहुंचाने में सरकार नाकाम साबित हुई है। मजदूर अभी पलायन कर रहे हैं। एमएसएमई अभी भी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हैं।
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निवेश बढ़ाने पर दिया जोर
इंग्लिश न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज और आत्मनिर्भर भारत पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि राहत पैकेज से देश में डिमांड में तेजी आएगी और कारोबार में मजबूती देखने को मिलगी। वित्त मंत्री ने सीधा रुपया देने के सवाल पर जवाब दिया कि सरकार की ओर से काफी सोचकर इस तरह का पैकेज बनाया है। उन्हें सीधा रुपया देने में भी ऐतराज नहीं है, लेकिन सरकार की ओर से ऐसा रास्ता चुना है, जिससे इकोसिस्टम में सुधार होगा और निवेश भी बढ़ेगा। वित्त मंत्री ने साफ कर दिया कि वो नहीं चाहते हैं कि देश की कंपनियां सस्ते में बिक जाएं।
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पैकेज और रिफॉर्म्स से बढ़ेगी डिमांड
वित्त मंत्री के अनुसार आम जनता तक रुपया पहुंचा और डिमांड भी बढ़ेगी। सरकार जिस रास्ते पर चल रही है उससे डिमांड भी इजाफा होगा। एमएसएमई के खुलने से मांग में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक्सपर्ट से बात कर पैकेज का ऐलान किया है। कोरोना वायरस के कारण ग्लोबल इकोनॉमी को बड़ा झटका लगा है। कोरोना के कारण अनिश्चितता बढऩे से नुकसान का असेसमेंट करना मुश्किल है। लॉकडाउन के बाद ही इस पर पूरा डिटेल एसेसमेंट किया जाएगा।