
Kendriya Vidyalaya vs Sainik School: जब भी देश के टॉप सरकारी स्कूलों की बात आती है तो केंद्रीय विद्यालय और सैनिक स्कूल का नाम सबसे आगे आता है। दोनों ही स्कूलों के ब्रांच देशभर में हैं। इन स्कूलों में टॉप लेवल की शिक्षा दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों स्कूल में क्या अंतर है? सिलेबस से लेकर, उद्देश्य तक और एडमिशन से लेकर टारगेट तक दोनों ही स्कूलों में कई समानताएं हैं तो कुछ अंतर भी है। आइए, इसे समझते हैं-
दोनों ही स्कूल का उद्देश्य हाई क्वालिटी वाली शिक्षा प्रदान करना है। इन स्कूलों में पढ़कर छात्र देश की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षओं के लिए तैयार होते हैं। बात करें सिलेबस की तो दोनों ही स्कूलों में मुख्य रूप से सीबीएसई का सिलेबस लागू किया जाता है। कक्षा 1 -12 तक गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और अन्य वैकल्पिक विषय की पढ़ाई होती है।
ऐसे तो केंद्रीय विद्यालय या सैनिक स्कूल में सभी तरह के बच्चे दाखिला ले सकते हैं। लेकिन दोनों ही स्कूल एक खास वर्ग से आने वाले बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। केंद्रीय विद्यालय में मुख्य रूप से केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को दाखिला दिया जाता है। यहां किताबी शिक्षा के साथ साथ छात्रों को एक्सट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज में शामिल किया जाता है। वहीं बात करें सैनिक स्कूल की तो यहां हर तरह के छात्र पढ़ाई करते हैं। सैनिक स्कूल का मुख्य उद्देश्य होता है छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और भारतीय नौसेना अकादमी (INA) के लिए तैयार करना। यहां पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद, सैन्य प्रशिक्षण और अनुशासन पर फोकस किया जाता है।
जहां एक तरफ केंद्रीय विद्यालय में अन्य स्कूलों की तरह अनुशासन पर ध्यान दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर सैनिक स्कूल में खास तरह के अनुशासन का पालन होता है। यहां सख्त अनुशासन और नियमित दिनचर्या होती है। सुबह की ड्रिल, यूनिफॉर्म का सख्त पालन और मिलिट्री एटिकेट रोज दिन का हिस्सा होते हैं।
Published on:
22 Mar 2025 04:31 pm
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