करोड़पति उम्मीदवार
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति उम्मीदवार की औसत संपत्ति 2.51 करोड़ रुपये है। मणिपुर इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में चुनाव लड़ने वाले सभी 173 उम्मीदवारों के स्वयं-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। हमारे चुनावों में धन बल की भूमिका इस तथ्य से स्पष्ट होती है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दल धनी उम्मीदवारों को टिकट देते हैं। प्रमुख दलों में एनपीपी से विश्लेषण किए गए 27 उम्मीदवारों में से 21 (78%), भाजपा से विश्लेषण किए गए 38 उम्मीदवारों में से 27 (71%), कांग्रेस से विश्लेषण किए गए 35 उम्मीदवारों में से 18 (51%) और जद (यू) के विश्लेषण किए गए 28 उम्मीदवारों में से एक ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
निर्दलीय उम्मीदवार सपम निशिकांत सिंह सबसे अमीर
इम्फाल पश्चिम के केसामथोंग निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार सपम निशिकांत सिंह हैं, जिनकी कुल घोषित संपत्ति 29 करोड़ रुपये से अधिक है। वहीं सेकमई (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से राकांपा उम्मीदवार निंगथौजम पोपिलाल सिंह ने अपने शपथ पत्र में शून्य संपत्ति घोषित की है।
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इन पर क्रिमिनल केस
मणिपुर चुनाव के लिए 265 उम्मीदवारों में से 52 का आपराधिक इतिहास है, इसमें सबसे ज्यादा 15 उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी के हैं। CEO मणिपुर की रिपोर्ट के मुताबिक, फेज-1 और फेज-2 दोनों चुनावों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 52 उम्मीदवार हैं। पहले चरण के 36 उम्मीदवारों में भाजपा के साथ 12, INC-8, NCP-3, NPP-4, JDU-7, RPI (A)- 2 में आपराधिक इतिहास है। दूसरे चरण की बात करें तो 16 उम्मीदवारों में भाजपा-3, INC-4, NCP-3, JDU-4, RPI (A)-1, शिवसेना-1 से एक पर क्रिमिनल केस है।
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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले चरण के चुनाव में विश्लेषण किए गए 173 उम्मीदवारों में से 37 (21%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 27 (16%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
2017 में एक चरण में हुआ था चुनाव
गौर तालाब है कि 2017 विधानसभा चुनाव एक चरण में संपन्न हुआ था। उस समय कांग्रेस को 28 सीटें, बीजेपी को 21, NPF को 4, NPP को 4, LJP को 1, तृणमूल को 1 और निर्दलीय को 1 सीट मिली थी। चुनाव के बाद बीजेपी के नेतृत्व में NDA गठबंधन की सरकार बनी। बीजेपी ने NPF, NPP और LJP सहयोग से सरकार बनाई थी।