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West Bengal Assembly Elections 2021: मोदी या ममता बंगाल चुनाव में जनता पर किसका चलेगा जादू

Highlights. - टीएमसी से ममता बनर्जी और भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किया जा रहा भरोसा - प्रधानमंत्री बंगाल में गत 7 मार्च को कोलकाता से चुनाव प्रचार का आगाज कर चुके हैं - 18 मार्च से फिर एक बार प्रधानमंत्री की रैलियां शुरू हो रही हैं, इनमें 24 मार्च की रैली खास मानी जा रही  

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Ashutosh Pathak

Mar 16, 2021

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नई दिल्ली।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) में इस बार किसका जादू जनता के सिर चढक़र बोलेगा, इसका इंतजार सभी कर रहे हैं। चुनाव प्रचार अभियान के लिए रैलियों का सिलसिला शुरू हो चुका है। राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamta Banerji) पहले से ताबड़तोड़ रैलियां कर रही हैं। पिछले दिनों एक हादसे में घायल होने के बावजूद यह सिलसिला रूका नहीं है। वे व्हील चेयर पर ही रैलियां, रोड शो और पार्टी की बैठकें कर रही हैं।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी गत 7 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में रैली से चुनाव प्रचार का आगाज करते हुए भाजपा को जिताने की अपील कर रहे हैं। 27 मार्च से पहले चरण की वोटिंग है इसके बाद 7 और चरणों में वोटिंग होगी। 29 अप्रैल को आखिरी दौर की वोटिंग के बाद 2 मई के नतीजे को सभी को इंतजार होगा। यही वह दिन होगा, जब लोगों को पता चलेगा कि इस चुनाव में जनता पर किसका जादू चला। ममता बनर्जी या फिर नरेंद्र मोदी का।

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18 मार्च से मिशन मोड में होंगे मोदी
बहरहाल, बंगाल में भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही उम्मीद दिखाई दे रही है। 7 मार्च की एक रैली के बाद प्रधानमंत्री 18 मार्च से फिर मिशन मोड में आ जाएंगे। वहीं, माना जा रहा है कि वह 24 मार्च को भी एक रैली करने वाले हैं और यह रैली बंगाल चुनाव में बेहद खास होने वाली है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वह उस दिन इस चुनाव की हॉटसीट नंदीग्राम में रैली कर सकते हैं। बता दें कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी आमने-सामने हैं। यह सीट तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए ही प्रतिष्ठा का प्रश्र बन गई है। ऐसे में देखना होगा कि कौन यह सीट जीत कर प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब होता है।

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भाजपा ममता की खामियां गिना रही
दरअसल, इस चुनाव में भाजपा राज्य में विपक्ष में है और विपक्ष के पास सरकार की खामियां गिनाने के लिए बहुत कुछ होता है। ऐसे में भाजपा नेता अपनी रैलियों में ममता सरकार में कमजोर कानून व्यवस्था, कट मनी, कुशासन और विकास नहीं होने के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साध रही है। इसके अलावा, वह केंद्र में मोदी सरकार की ओर से किए काम और आयुष्मान योजना जैसी तमाम योजनाओं का उल्लेख करने से भी नहीं चूक रही है। पार्टी नेता जब जनता के बीच जा रहे, तो राज्य बनाम केंद्र सरकार के मॉडल की तुलना करते हुए उन्हें भरोसा दिला रहे कि सरकार बनी तो हालात भाजपा शासित राज्यों की तरह यहां भी बेहतर होंगे। यही नहीं, ममता सरकार में बढ़ी घुसपैठ और तुष्टिकरण की राजनीति का उल्लेख वे अनिवार्य रूप से कर रहे हैं।

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टीएमसी में ममता सबसे बड़ा नाम
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी में ममता बनर्जी सबसे बड़ा नाम है। भाजपा यह मानकर चल रही थी कि शुभेंदु अधिकारी या मिथुन चक्रवर्ती जैसे बड़े नाम अपनी पार्टी में शामिल कराने के बाद ममता बनर्जी का कद घटाना आसान हो जाएगा, मगर अभी तक होता ऐसा दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में पार्टी अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे ही चुनाव मैदान में जाने को तैयार दिख रही है। देखना यह है कि 2 मई को जब नतीजे आएंगे, तब प्रधानमंत्री राज्य में भाजपा नेताओं की इस उम्मीद पर खरे उतरेंगे या फिर इस बार भी ममता बनर्जी के सिर ही बंधेगा जीत का सेहरा।

बाजी पलट भी सकते हैं वामदल

हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि वामदल भी अंदर ही अंदर प्रचार कर रहे हैं और इस बार उनके वोट साइलेंट मोड में वोट डालकर बाजी पलट भी सकते हैं। बहरहाल, किसके दावे में कितनी सच्चाई यह तो 2 मई को सामने आ जाएगा।

2 मई को रिजल्ट
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। राज्य में आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।