यह भी पढ़ें- Priyanka Gandhi : यूपी की सत्ता में कांग्रेस की वापसी करा पाएंगी प्रियंका गांधी? सामने है चुनौतियों का अंबार शिवपाल सिंह यादव की पहचान एक जुझारू नेता के रूप में है। अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के साथ सपा को खड़ा करने में उनका बहुत योगदान था। सपा में उन्होंने पर्चे बांटने से लेकर बूथ समन्वयक तक की जिम्मेदारी निभाई है। वह अपने खुशमिजाज व्यवहार के लिए कार्यकर्ताओं के बीच मशहूर हैं। शिवपाल यूपी में सहकारिता आंदोलन और उसकी राजनीति के लिए भी जाने जाते हैं।
1988 से शिवपाल सक्रिय राजनीति में शिवपाल सिंह यादव 1988 में सक्रिय राजनीति में हैं। 1988, 1991,1993 और 1995 में इन्हें जिला सहकारी बैंक, इटावा का अध्यक्ष चुना गया। फिर 1994 से 1998 के बीच यह उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के अध्यक्ष रहे। 1996 में इन्होंने पहली सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। इसके बाद यह लगातार पांच बार जसवंतनगर से विधायक रहे। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव सरकार में शिवपाल कई अहम विभागों में मंत्री रहे। समाजवादी पार्टी में वह लंबे समय तक पार्टी प्रदेेश अध्यक्ष रहे। उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष की भूमिका के रूप में भी काम कर चुके हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में दिखायी ताकत सपा से अलग होने के बाद लोकसभा चुनाव हुए। लेकिन, प्रसपा ने इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई। हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों ने शिवपाल ने अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास कराया। मुलायम खानदान की साख बचाने के लिए उन्होंने सपा के साथ अघोषित गठबंधन किया और इटावा की परंपरागत सीट बचा ली। प्रसपा को आठ तो सपा को 9 सीट मिलीं।
आदित्य के पिता हैं शिवपाल शिवपाल सिंह यादव का का जन्म 6 अप्रेल 1955 को इटावा में सुघर सिंह और मां मूर्ति देवी के छोटे पुत्र के रूप में हुआ था। गांव में प्रारंभिक शिक्षा के बाद हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा उन्होंने जैन इंटर कॉलेज मैनपुरी में पूरी की। स्नातक केके डिग्री कॉलेज, लखनऊ से करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से 1977 में बीपीएड किया। उनका विवाह 23 मई 1981 को सरला यादव से हुआ। उनके पुत्र का नाम आदित्य यादव और बेटी का नाम डॉ. अनुभा यादव है। बेटे आदित्य प्रसपा के महासचिव हैं, जबकि शिवपाल सिंह यादव प्रसपा के अध्यक्ष हैं।