
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : ढाई दशक बाद भाजपा ने जीती थी राम नगर सीट, अब सपा वापसी की जुगत में
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बाराबंकी. लगभग ढाई दशक बाद जिले के राम नगर विधानसभा क्षेत्र (Ram Nagar Assembly constituency) के मतदाताओं ने 2017 के चुनाव में भाजपा को जिता कर प्रदेश में योगी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके पहले वर्ष 1993 में भाजपा की राजलक्ष्मी वर्मा जीती थी। इसके बाद वर्ष 2012 तक सपा-बसपा ही इस सीट पर जीतते आ रहे थे। अब Uttar Pradesh Assembly Election 2022 को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार चुनाव में चीनी मिल की स्थापना एक बड़ा मुद्दा है, क्योंकि सपा सरकार में चीनी मिल की आधारशिला रखने के बाद काम आगे नहीं बढ़ा है।
सपा-बसपा की जीत पर ब्रेक लगाते हुए वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के शरद कुमार अवस्थी ने बाराबंकी जिले की राम नगर सीट (Ram Nagar Assembly constituency) 22 हजार 721 मतों के अंतर से जीती थी। शरद अवस्थी को 88937 वोट और सपा के अरविंद कुमार सिंह गोप को 66218 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बसपा के हफीज भारती को 53891 वोट मिले थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसी सीट से वर्ष 1993 में भाजपा की विधायक रह चुकीं राज लक्ष्मी वर्मा ने पीस पार्टी से चुनाव लड़ा था और उन्हें महज 3137 वोट मिले थे। क्षेत्र में चर्चा है कि पीस पार्टी से चुनाव लड़ चुकीं राज लक्ष्मी अब कांग्रेस से टिकट से दावेदार हैं। इन्होंने टिकट न मिलने पर ही भाजपा छोड़ी थी। क्षेत्र की राजनीति और समस्याओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रद्युमन कुमार वाजपेयी का कहना है कि राम नगर के मतदाताओं की प्रतिबद्धता किसी एक दल से नहीं हैं। इनका कहना है कि चीनी मिल की स्थापना लोगों के लिए एक बड़ा मुद्दा है लेकिन न जाने क्यों इसे पूर्ववर्ती सरकार नींव से आगे काम नहीं करा पाई। वाजपेयी का कहना है कि लोगों को उम्मीद है कि भाजपा कुछ बेहतर करेगी।
अब Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में भाजपा जहां सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है तो समाजवादी पार्टी पुन: वापसी करने की तैयारी में। वर्ष 2012 से यहां से विधायक रहे अरविंद कुमार सिंह गोप सक्रिय हैं , तो कई अन्य नेता भी खुद को संभावित उम्मीदवार के रूप में जनता के समक्ष पेश कर रहे हैं। भाजपा में भी कुछ नए दावेदार उभर रहे हैं जबकि कांग्रेस और बसपा के बैनर-पोस्टर भी क्षेत्र में नजर आ रहे हैं। हालांकि भाजपा और सपा जैसे प्रमुख दलों ने अभी तक अपने-अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। इस क्षेत्र में छोटे-छोटे राजनीतिक दल भी सक्रिय हैं और कुछ दलों के उम्मीदवार वोट कटवा की भूमिका निभाते हैं।
इस सीट पर ये बड़ा फैक्टर
मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे बाराबंकी के कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने बेटे राकेश वर्मा के लिए वर्ष 2017 में टिकट मांगा था लेकिन सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया और सपा से टिकट पाए अरविंद कुमार सिंह गोप भाजपा से चुनाव हार गए। जबकि गोप वर्ष 2012 में इसी सीट से सपा के सिंबल पर विधायक बने थे। Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में टिकट को लेकर यह देखना दिलचस्प होगा कि समाजवादी पार्टी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है। वर्ष 2020 में कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा की मृत्यु के बाद उनके बेटे राकेश वर्मा की राजनीति अब लोगों के समर्थन पर टिकी है।
ये हैं मुख्य मुद्दे
राम नगर विधानसभा क्षेत्र (Ram Nagar Assembly constituency) में वैसे तो समस्याएं कई हैं लेकिन लोगों को सबसे अधिक इंतजार चीनी मिल को लेकर है। यहां चीनी मिल की स्थापना के लिए तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव ने नींव भी रखी थी लेकिन इसके आगे काम नहीं हुआ। क्षेत्र में छुट्टा जानवरों से किसान परेशान हैं। सैकड़ों जानवर दिन रात खेतों में डेरा डाले रहते हैं और फसल नष्ट कर रहे हैं। बिजली की आपूर्ति और सड़कें दोनों खराब स्थिति में हैं। हेतमापुर में घाघरा पुल बनने की भी आस यहां के लोगों को है, लेकिन फिलहाल यहां के मतदाता इन समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं।
Published on:
05 Jan 2022 03:46 pm
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