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3 घंटा 17 मिनट की वो फिल्म जिसके पूरी होने के बाद डायरेक्टर को बेचना पड़ा 10 ट्रक कबाड़, देश के बंटवारे से है कनेक्शन

Mughal-E-Azam: डायरेक्टर के. आसिफ की फिल्म मुगल-ए-आजम का सेट हो या किरदार दोनों ही अपने आप में ऐतिहासिक हैं। अपने भव्य सेट और बड़े स्टार्स के चलते ये उस दौर की सबसे बड़े बजट की फिल्म थी।

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मुंबई

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Rashi Sharma

Aug 31, 2025

Mughal-E-Azam Movie Scene

मुगल-ए-आजम फिल्म के सीन्स। (फोटो सोर्स: X)

Mughal-E-Azam: हिंदी सिनेमा जगत में कई ऐसे फिल्में बनी हैं जिन्हें भुला पाना मुश्किल है उन्हीं में से एक है मुगल-ए-आजम। इस फिल्म का सेट हो या किरदार दोनों ही अपने आप में ऐतिहासिक हैं। ‘मुगल-ए-आजम’ वो फिल्म है जिसने हिंदी सिनेमा को एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया, इस फिल्म को डायरेक्टर के. आसिफ ने बनाया था। हालांकि, आज भव्य सेट और बड़े स्टार्स को लेकर फिल्म बनाना आम बात हो सकती है मगर उस दौर के लिए ये बहुत बड़ी बात थी, जिसे सच कर दिखाया था डायरेक्टर के. आसिफ ने।

भव्य सेट के चलते फिल्म बन गई थी मिसाल (Mughal-E-Azam is Historic Film)

डायरेक्टर के. आसिफ ने अपने करियर में दो ही फिल्में बनाई थीं, जिनमें ‘फूल’ और ‘मुगल-ए-आजम’ शामिल हैं। साल 1960 में आयी फिल्म 'Mughal-E-Azam' के लिए उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगाया दिया था। रिपोर्ट्स की मानें तो जिस दौर में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर फिल्म पर 5 से 10 लाख लगाने में भी सोचते थे उस वक्त के. आसिफ ने अपनी इस फिल्म में 1.5 करोड़ खर्च कर दिए थे। उन्होंने फिल्म को इतना भव्य और वास्तविक बनाया था कि आज भी लोग इस फिल्म को भूल नहीं पाए हैं। इस फिल्म ने अपनी भव्यता और कहानी के चलते इतिहास रच दिया था। फिल्म में मधुबाला और दिलीप कुमार ने सलीम और अनारकली का किरदार निभाया था। कहते हैं कि फिल्म पूरी होने के बाद करीब 10 ट्रक भरकर कबाड़ बेचा गया था।

जब के. आसिफ को बेचना पड़ा 10 ट्रक कबाड़ (K. Asif Sold 10 Trucks Scrap)

फिल्म के लिए निर्देशक के. आसिफ ने किसी भी नकली चीज का इस्तेमाल नहीं किया था। हर सीन के लिए जो भी चीजें इस्तेमाल की गई थीं वो बिल्कुल असली थीं। फिल्म में जोधाबाई की भूमिका निभाने वाली एक्ट्रेस दुर्गा खोटे ने अपनी बायोग्राफी में मुगल-ए-आजम से जुड़े कई राज बताए हैं, दुर्गा खोटे की बायोग्राफी के अनुसार…

‘फिल्म की शूटिंग बॉम्बे टॉकीज में हुई थी और फिल्म का एक चौथाई भाग शूट हो चुका था। फिर भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद फिल्म बंद हो गई जिसके चलते शूटिंग का सारा सामान 10 ट्रकों में भरकर कबाड़ में बेचना पड़ा था। इनमें कॉस्ट्यूम और आर्टिफिशियल ज्वेलरी जैसी चीजें थी।’

फिल्म के एक गाने पर खर्च हुए लाखों रुपये

मुगल-ए-आजम फिल्म के गाने भी फिल्म की तरह ही आइकॉनिक रहे थे और आज भी लोग इनको सुनना पसंद करते हैं। गानों की बात पर आपको बता दें कि फिल्म का सबसे लोकप्रिय गाना था, 'जब प्यार किया तो डरना क्या…', इस गाने को स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने गया था. इस गाने के बारे में कहा जाता है कि लता मंगेशकर जी ने इस गाने को बाथरूम में गाया था ताकि उनकी आवाज गूंजे। इस गाने की शूटिंग पर ही लाखों रुपये खर्च किये गए थे।

आपको बता दें, फिल्म में दिलीप कुमार और मधुबाला की जोड़ी को खूब पसंद किया गया था। फिल्म के बाद भी दोनों के अफेयर के चर्चे फिल्मी गलियारों में जोर-शोर से सुनने को मिलते थे लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों कभी एक नहीं हो पाए। फिल्म का बजट 1.5 करोड़ रुपये का था, मगर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 11 करोड़ रुपये की कमाई की थी।