25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विदेशों में ही हो सकता है मासूम देव का इलाज, सीएम ऑफिस से मिली 5 लाख की मदद, डॉक्टरों ने कहा- दो करोड़ चाहिए

- Hunter syndrome यानी म्यूकोपाली सेककराइड टाईप-2 से ग्रसित है 6 साल देव- अखिल भारतीय आयुविर्ज्ञान संस्थान नई दिल्ली (AIIMS) के बीमारी का लगाया पता- भारत में नहीं, बल्कि अमेरिका और कोरिया में ही संभव है बीमारी का इलाज- इलेप्रेस वैक्सीन है Hunter syndrome नामक दुर्लभ बीमारी का इलाज - PM Narendra Modi और CM Yogi Adityanath से मदद की गुहार

2 min read
Google source verification
Hunter syndrome

विदेशों में ही हो सकता है मासूम देव का इलाज, सीएम ऑफिस से मिली 5 लाख की मदद, डॉक्टरों ने कहा- दो करोड़ चाहिए

इटावा. जिले के भर्थना सरैया गांव के किसान जगत सिंह का 6 साल का मासूम बेटा देव बिस्तर पर पड़ा हुआ है। परिजन भी असहाय हैं। बेटे को कौन सी बीमारी है, सिर्फ यह जानने में ही देव पिता की 50 लाख की खेती और जमीन बिक कई। बीमारी और उस पर होने वाले खर्च का पता चला तो परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। अखिल भारतीय आयुविर्ज्ञान संस्थान नई दिल्ली (AIIMS) के बालरोग चिकित्सा विभाग की सहायक आचार्य डॉ. नीरजा गुप्ता ने 'म्यूकोपाली सेककराइड टाईप-2’ (Hunter syndrome) नामक दुर्लभ बीमारी की पुष्टि की है, जिसमें करीब दो करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का इलाज भारत में संभव नहीं है। हताश परिजनों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) से मदद की गुहार लगाई है।

मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से देव के इलाज के लिए मात्र पांच लाख रुपए स्वीकृत किये गये हैं। यह रकम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। पीड़ित परिवार और अधिक आर्थिक सहायता के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। देव के पिता जगतराम का कहना है कि उसके बेटे के इलाज के लिए 5 लाख की नहीं, बल्कि इलेप्रेस वैक्सीन की जरूरत है, जिसके अभाव में धीरे-धीरे बेटा मौत के नजदीक जा रहा है।

यह भी पढ़ें : यमुना एक्सप्रेसवे पर हर आठ घंटे में हो रही एक मौत

देखें वीडियो...

अमेरिका और कोरिया में ही इलाज संभव
नई दिल्ली, एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, हन्टर सिंड्रोम की बीमारी का इलाज एन्जाइम रिपलेसमेंट थैरपी के माध्यम से किया जाता है। इसका इलाज सिर्फ इलेप्रेस वैक्सीन है, जो बहुत महंगी है। इस वैक्सीन की कीमत 1 करोड़ 92 लाख 77 हजार 648 रुपये है। लेकिन, इलेप्रेस वैक्सीन हमेशा के लिए नहीं सिर्फ एक साल या अधिकतम 5 साल तक काम करता है। एम्स की बालरोग चिकित्सा विभाग की सहायक आचार्य डॉ. नीरजा गुप्ता ने बताया कि देव अति दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी से ग्रसित है। इस बीमारी से लड़ने के लिए भारत में अभी दवा विकसित नहीं हुई है। अभी तक केवल अमेरिका और कोरिया में ही यह वैक्सीन बनी है।

दुर्लभ बीमारी है हन्टर सिंड्रोम
भर्थना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अमित दीक्षित ने बताया कि म्यूकोपाली सेककराइड टाईप-2 (Hunter syndrome) नामक बीमारी से ग्रसित मासूम देव का परीक्षण किया गया, उसमें इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। इस बीमारी से पीड़ित के होंठ मोटे तो होते ही हैं, हाथों और पैरों की हडि्डयां भी ढेड़ी हो जाती हैं। इसके अलावा किडनी और लीवर भी खराब हो जाता है। उन्होंने बताया कि यह अनुवांशिक बीमारी है, जो बेहद ही रेयर मानी जाती है। केस हिस्ट्री के मुताबिक, 2 लाख लोगों में से किसी एक को ही यह बीमारी होती है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में एन्जाइम का बनना बंद हो जाता है।

यह भी पढ़ें : दहशत के अंधेरे में तालीम की रोशनी फैला रही पुलिस, ताकि फिर कोई न बने डकैत