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School Update: छात्रों के पास नहीं है किताबें, स्कूल खोलकर क्या पढ़ा रही योगी सरकार

UP School Updates: ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद परिषदीय विद्यालय फिर खुल गए हैं। इन विद्यालयों के खुले हुए एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी बच्चों को किताबें नहीं मिल पाईं हैं। इसके चलते अभी तक छात्रों को किताबों के बिना ही पढ़ाई करनी पड़ रही है।

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Uttar Pradesh School Students not Having Books

Uttar Pradesh School Students not Having Books

बेसिक शिक्षा विभाग ने एक अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू कर दिया था। मई में गर्मी की छुट्टी हो गई। अब फिर छात्र स्कूल आने लगे लेकिन अभी तक शासन से किताबें नहीं मिली है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद किताबें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब तक किताबें छात्रों के हाथों में नहीं पहुंच पाई है। इससे शिक्षक और बच्चे दोनों परेशान हैं। किसी तरह पुरानी किताबों से पढ़ाई कराई जा रही है। महेवा विकास खंड क्षेत्र के 242 परिषदीय विद्यालय है। कहीं भी किताबें नहीं पहुंच पाई हैं।

परिषदीय स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत शासन से किताबों का निश्शुल्क वितरण किया जाता है। इस सत्र में अभी तक किताबें नहीं पहुंची है। पिछले बर्षो में कई चरणो मे कितावे आ जाती थी इससे नौनिहाल अपनी पढाई शुरू कर देते थे। इस बार कितावो को लेकर छात्र आस लगाये बैठे है रोजाना विद्यालय आते है गुरू जी से किताबे मिलने की जानकारी करते है लेकिन उनको अभी तक पुस्तके नही मिली है। प्राथमिक विद्यालय हर्राजपुर के प्रधानाध्यापक राहुल शुक्ला व सहायक अध्यापिका मंजू कुरील बच्चो के पास किताबे न होने के चलते ब्लैकबोर्ड का ही सहारा लेकर पढा रहे है। कक्षा 5के छात्र कृष्णा व नव्या बताती है कि जो पुरानी किताबे दूसरे छात्रो से मिली भी है वह किताबे आधी अधूरी ही है।

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पुरानी किताबों की योजना नहीं चढ़ सकी परवान

विभाग की ओर से यह योजना बनाई गई थी जो बच्चे अगली कक्षा में चले गए हैं वे अपनी किताबें उस कक्षा में आने वाले बच्चों को दे देंगे। इससे छात्रों को किताबें मिल जाएंगी और पढ़ाई ढर्रे पर आ जाएगी। यह योजना परवान नहीं चढ सकी। ज्यादातर छात्रों को यह पुरानी किताबें भी नहीं मिल पाई हैं। जो किताबें मिली भी हैं वे आधी अधूरी हैं और उनसे पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

क्या बोले अधिकारी

खंड शिक्षा अधिकारी महेवा उदय राज सिंह ने बताया कि अभी तक बीआरसी पर कोई भी किताबें शासन द्वारा नही भेजी गयी है। इससे विकास खंड क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयो बच्चों को भी किताबें नहीं मिल पाई हैं। अब जब किताबें आएंगी तभी इनका वितरण किया जाएगा।

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