
July Vrat Tyohar List 2025 फोट सोर्स – Freepik,फोटो डिजाइन- पत्रिका.com
July 2025 Festivals Calendar: भारत में हर महीना पर्व और परंपराओं से भरा रहता है, लेकिन जुलाई का महीना विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय बारिश का मौसम होने से धरती हरी-भरी हो जाती है और वातावरण में पवित्रता बढ़ जाती है। साथ ही, श्रावण मास (सावन) की शुरुआत होती है, जो भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे पावन समय माना जाता है।
2025 में जुलाई का महीना और भी खास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान कई बड़े त्योहार एक के बाद एक आने वाले हैं। हरियाली तीज, नाग पंचमी, देवशयनी एकादशी जैसे पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि इनसे सामाजिक और सांस्कृतिक रंग भी जुड़ा होता है। आइए जानते हैं जुलाई 2025 में पड़ने वाले प्रमुख त्योहारों की तारीखें, शुभ मुहूर्त और उनके पीछे की मान्यताएं। (July Vrat Tyohar List 2025)
तारीख पर्व/त्योहार
-6 जुलाई 2025 देवशयनी एकादशी
-8 जुलाई 2025 प्रदोष व्रत
-10 जुलाई 2025 कोकिला व्रत, गुरु पूर्णिमा व्रत, आषाढ़ पूर्णिमा
-11 जुलाई 2025 सावन शुरू
-14 जुलाई 2025 पहला सावन सोमवार, गजानन संकष्टी चतुर्थी
-15 जुलाई 2025 पहला मंगला गौरी व्रत
16 जुलाई 2025 कर्क संक्रांति
-21 जुलाई 2025 दूसरा सावन सोमवार, कामिक एकादशी
-22 जुलाई 2025 प्रदोष व्रत
-23 जुलाई 2025 सावन शिवरात्रि
24 जुलाई 2025 हरियाली अमावस्या, सावन अमावस्या, गुरु पुष्य योग
-27 जुलाई 2025 हरियाली तीज
-28 जुलाई 2025 सावन तीसरा सोमवार, विनायक चतुर्थी
-29 जुलाई 2025 नाग पंचमी
-30 जुलाई 2025 कल्कि जयंती
-31 जुलाई 2025 तुलसीदास जयंती
देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है। इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में प्रवेश करते हैं, और यहीं से चातुर्मास का प्रारंभ माना जाता है। चातुर्मास के चार महीनों तक विवाह, मुंडन जैसे शुभ कार्यों पर धार्मिक रूप से रोक लग जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और भगवान विष्णु की आराधना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी व्रत का पारण 7 जुलाई, सोमवार को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ समय सुबह 05:29 बजे से रात 08:16 बजे तक रहेगा, जबकि द्वादशी तिथि रात 11:10 बजे समाप्त होगी।
सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पूरे महीने में शिव भक्त जलाभिषेक करते हैं और सोमवार व्रत रखकर शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त करते हैं। यह माह वर्षा ऋतु का प्रतीक है और इसे आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है।
हरियाली तीज महिलाओं के सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए मनाई जाती है। यह पर्व प्रकृति के सौंदर्य और हरियाली का प्रतीक भी है। इस दिन सुहागन स्त्रियां व्रत रखती हैं और झूला झूलकर उत्सव मनाती हैं।
मंगला तीज को कजली तीज भी कहा जाता है। यह भी खासकर महिलाओं का पर्व है, जिसमें वे अपने पति की दीर्घायु और पारिवारिक सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं। इसमें गीत-संगीत, मेहंदी और पारंपरिक खेल का विशेष महत्व होता है।
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है और सांपों से होने वाले भय व संकट समाप्त होते हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
Published on:
29 Jun 2025 01:07 pm
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