script(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) 27 जनवरी को शीतला षष्ठी, शीतला मां की पूजा और व्रत का विधान, भूलकर भी न करें ये काम | shitla shashthi vrat kab hai, Shitla mata vrat puja vidhi aur upay | Patrika News

(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) 27 जनवरी को शीतला षष्ठी, शीतला मां की पूजा और व्रत का विधान, भूलकर भी न करें ये काम

Published: Jan 25, 2023 05:16:45 pm

Submitted by:

Sanjana Kumar

(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) इस दिन शीतला देवी को ठंडा भोजन प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है। इसके बाद ही व्रती भोजन ग्रहण कर सकते हैं। पत्रिका.कॉम इस लेख में आपको बता रहा है कि आखिर किस दिन मनाई जाएगी शीतला षष्ठी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व…

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(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) सनातन धर्म में शीतला माता की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। यह माघ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इसे शीतला षष्ठी कहकर पुकारा जाता है। इस दिन व्रत का विधान है। (shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) महिलाएं ये व्रत संतान की लंबी आयु और उसके उत्तम स्वास्थ के लिए करती हैं। मान्यता है इस दिन व्रत करने से मन को शीतलता मिलती है और जीवन से तनाव दूर होता है। इस दिन शीतला देवी को ठंडा भोजन प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है। इसके बाद ही व्रती भोजन ग्रहण कर सकते हैं। पत्रिका.कॉम इस लेख में आपको बता रहा है कि आखिर किस दिन मनाई जाएगी शीतला षष्ठी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व…

27 जनवरी को किया जाएगा व्रत (shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay)
(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) पंचांग के अनुसार इस साल शीतला षष्ठी का व्रत 27 जनवरी 2023 को किया जाएगा। सनातन धर्म में तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं में शीतला माता का विशेष स्थान है। शीतला षष्ठी व्रत को करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और व्रती के कुल में समस्त शीतलाजनित दोष दूर हो जाते हैं।


इसलिए किया जाता है ये व्रत (shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay)
(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत के प्रभाव से नि:संतान दंपति के घर शीघ्र किलकारियां गूंजती है और उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं जिनके संतान हैं उनकी संतानों की लंबी उम्र होती है। शीतला षष्ठी व्रत साधक को दैहिक और दैविक ताप से मुक्त करने वाला माना गया है। देवी शीतला के आशीर्वाद से कई रोग-विकारों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता यह भी है कि चेचक जैसे गंभीर रोग भी मां के आशीर्वाद से खत्म हो जाते हैं।

शीतला षष्ठी की पूजा विधि (shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay)
(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) शीतला षष्ठी व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठें और ठंडे पानी से नहाएं। इस दिन व्रती को गर्म चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेंं और फिर सुबह-सुबह ही देवी शीतला के मंदिर में पूजा करें। देवी शीतला की मूर्ति पर जल अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें – ‘श्रीं शीतलायै नम:, इहागच्छ इह तिष्ठ’। फिर मौली, चंदन, अक्षत, वस्त्र, फूल आदि चीजें मां शीतला को अर्पित करें। फिर शीतलाष्टक स्रोत का पाठ करना चाहिए। इसके बाद शीतला देवी की कथा सुनें और देवी को एक दिन पहले रात में पूजा के लिए बनाए गए ठंडे भोग का नेवैद्य चढ़ाएं।

शीतला षष्ठी पूजा के नियमों का रखें खास ध्यान (shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay)
(shitla shashthi 2023: Puja vidhi, muhurt, vrat aur upay) शीतला षष्ठी के दिन ध्यान रखें कि गर्म खाद्य-पदार्थ का सेवन भूलकर भी न करें। गर्म पानी से स्नान भी न करें। शीतला षष्ठी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। एक दिन पहले रात में ही सारा भोजन हलवा, गुलगुले, पुए, चावल, रेवड़ी आदि खाद्य सामग्री तैयार करके रख लेना चाहिए।

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