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नहीं हो पा रही है कमाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंस मिनिस्ट्री के फाइनेंशियल सर्विसेज डिपार्टमेंट के सेक्रटरी देबाशीष पंडा आरबीआई को एक लेटर लिखा है। लेटर में सिस्टम में तरलता बनाए रखने पर जोर दिया हैै। वहीं पत्र में राहत की बात भी कही गई है। लेटर में कहा गया है कि देश के आम लोगों और कंपनियों को कोरोना वायरस की वजह से काफी लॉस हो रहा है। कमाई करने के साधन बंद हो रहे हैं। ऐसे में आरबीआई की ओर से राहत मिलना काफी जरूरी है।
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लोन की ईएमआई कैसे चुकाएंगे?
आज 21 दिनों के लॉकडाउन का दूसरा दिन है। पूरे देश में सभी तरह के कामधंधे बंद है। सिर्फ जरूरी सामानों की आवाजाही और प्रोडक्शन हो रहा है। जिसकी वजह से लोगों की कमाई नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से देश के कई लोग और कंपनियां लोन चुकाने में असमर्थ हो सकते हैं। जब रुपया ही नहीं होगा तो लोन की किस्त कैसे चुकाएंगे। ऐसे लोगों और कंपनियों पर बैंक कार्रवाई भी कर सकते हैं। जिसकी वजह से क्रेडिट प्रोफाइल और क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ेगा।
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वित्त मंत्री ने दिया था आश्वासन
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई चीजों में राहत के ऐलान किए थे। आईटीआर से लेकर आधार पैन कार्ड लिंकिंग तक सभी की डेडलाइन 31 मार्च से आगे बढ़ाकर 30 जून कर दी है। वहीं उन्होंने कोरोना वायरस से निपटने के लिए बड़े आर्थिक पैकेज लाने की भी बात कही थी। वहीं लोन की ईएमआई और रीपेमेंट में रियायत के सवाल पर जल्द जानकारी देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि आरबीआई से कई मामलों में बातचीत चल रही है।
लोन पर छूट की मांग
देश की कई संस्थाएं लोन के भुगतान की अवधि में छूट की डिमांड कर रहे हैं। सीआईआई ने कहा है कि सरकार को देश की जीडीपी के एक फीसदी के बराबर राहत पैकेज की मांग की है, जो दो लाख करोड़ रुपए के बराबर है। वहीं उन्होंने देश के लोगों को हर तरह के लोन और सभी रीपेमेंट का भुगतान करने के लिए तीन महीने की छूट दी जाए। वहीं फिक्की की ओर से दो तिमाही तक छूट की मांग की है। अगर लोगों को इस तरह की छूट मिलती है तो बैंकों पर इसका नेगेटिव इंपैक्ट पड़ सकता है, लेकिन मौजूदा सिचुएशन को देखते हुए कारोबार को बचाए रखना काफी जरूरी है।