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वर्तमान में है दो र्इटीएफ
बैंकों का यह एक्सचेंज ट्रेडेड फंड पहले से ही दो र्इटीएफ के अतिरिक्त होगा। आपको बता दें कि वर्तमान में जो दो र्इटीएफ वो CPSE-ETF व Bharat-22 है। इन दोनों र्इटीएफ को सरकार द्वारा लाॅन्च करने के बाद निवेशकों के बीच बड़े स्तर पर इनमें मांग देखने को मिली है। साल 2017 के बाद से सरकार ने भारत-22 र्इटीएफ के जरिए 32,900 करोड़ रुपए जुटाने में सफल रही है। वहीं साल 2014 के बाद CPSE-ETF के माध्यम से सरकार 28,500 करोड़ रुपए जुटा चुकी है।
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निवेशकों का भरोसा लाने में मिलेगी कामयाबी
अधिकारी ने यह भी कहा कि र्इटीएफ के जरिए बैंकिंग स्टाॅक्स में निवेशकों का भरोसा वापस लाने में भी कामयाबी मिलेगी। उन्होंने कहा, “मौजूदा समय में निवेशक व्यक्तिगत रूप से बैंकिंग स्टाॅक्स के प्रति आकर्षक भले ही न हो लेकिन र्इटीएफ से निवेशकों की मांग में तेजी आ सकती है।” सभी 20 पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार के पास भारतीय स्टेट बैंक (एसबीअार्इ) में 58.53 फीसदी, पंजाब नेशनल बैंक में 70.22 फीसदी, कैनरा बैंक में 70.62 फीसदी, आेरिएंटल बैंक आॅफ काॅमर्स में 77.23 फीसदी आैर बैंक आॅफ इंडिया में 83.09 फीसदी का स्टेक है।
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अगले वित्त वर्ष में 90 हजार करोड़ रुपए का विनिवेश का लक्ष्य
इसके अतिरिक्त सरकार बैंक आॅफ बड़ौदा में 63.74 फीसदी, बैंक आॅफ महाराष्ट्र में 87.01 फीसदी आैर यनूनियन बैंक आॅफ इंडिया में 67.43 फीसदी की हिस्सेदारी रखती है। गौरतलब है कि सरकार ने अगले वित्त वर्ष यानी 2019-20 के लिए विनिवेश लक्ष्य को 90 हजार करोड़ रुपए रखा है। चालू वित्त वर्ष में ही सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपए विनिवेश लक्ष्य रखा था जिसमें 53,558 करोड़ रुपए अब तक जुटाया जा चुका है। सरकार ने यह रकम सीपीएसर्इ स्टेक सेल व शेयर बायबैक के माध्यम से जुटाया है।
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