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Good News ! अब 31 जुलाई तक कर सकते हैं टैक्स बचाने के लिए निवेश, अभी शुरू करें प्लानिंग

CBDT ने टैक्स बचाने संबंधी निवेश के लिए बढ़ाई डेडलाइन MUTUAL FUND से लेकर INSURANCE तक अब 31 जुलाई तक कर सकते हैं निवेश नवंबर तक फाइल किया जाएगा इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return ) 2.5 लाख की वार्षिक आय से देना होता है टैक्स

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Pragati Vajpai

Jun 25, 2020

TAX SAVING SCHEMES

TAX SAVING SCHEMES

नई दिल्ली: अगर आप टैक्स भरते है तो ये खबर आपके लिए है । दरअसल केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स बचाने के लिए किये जाने वाले निवेश ( invest to save taxes ) की मियाद बढ़ा दी है। जी हां ! अब करदाता ( taxpayers ) 31 जुलाई तक टैक्स सेविंग स्कीम्स ( Tax Saving Schemes ) में निवेश कर सकते हैं। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ये फैसला कोरोनावायरस महामारी ( corona pandemic ) के प्रकोप को देखते हुए किया है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक कर दी गई। दूसरे शब्दों में कहें तो जो रिटर्न 31 जुलाई और 31 अक्टूबर 2020 तक फाइल करना था उसे अब 30 नवंबर तक फाइल किया जा सकता है।

इन स्कीम्स में कर सकते हैं निवेश-

टैक्स डिडक्शन के लिए टैक्सपेयर्स म्यूचुअल फंड ELSS, पीपीएफ (PPF), एनएससी (NSC), एलआईसी प्रीमियम ( LIC Premium ), एसएसवाई (SSY), एनपीएस सब्सक्रिप्शन (NPS Subscription), स्वास्थ्य बीमा भुगतान ( Health Insurance Payment ) और अन्य स्कीम्स best tax saving schemes में शुमार होती है।

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आपको बता दें कि आईटी अधिनियम ( IT Act ) के Chapter-VIA-B के तहत कटौती का दावा करने के लिए विभिन्न निवेश / भुगतान करने की तारीख जिसमें धारा 80C (LIC, PPF, NSC आदि), 80D (मेडिक्लेम), 80G (Donation) आदि को भी आगे बढ़ाकर 31 जुलाई, 2020 कर दिया गया है।

कितना बचा सकते हैं टैक्स- आईटी एक्ट की धारा 80C के तहत करदाता 150,000 रुपए तक की कटौती का दावा कर सकता है। इसी तरह अगर आपने स्वास्थ्य बीमा लिया है तो 80D (मेडिक्लेम) और अगर किसी भी तरह की चैरिटी के लिए पैसा दिया है तो 80G (Donation) के तहत टैक्स सेविंग ( TAX SAVING ) के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

किसके लिए टैक्स भरना है जरूरी- अगर आप नौकरी या कारोबार से एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये या उससे अधिक कमाते हैं, तो आपके लिए उस साल आयकर रिटर्न ( income tax RETURN ) भरना जरूरी होता है। अगर आप सरकार द्वारा बतायी गई समय सीमा तक आईटीआर ( ITR ) फाइल नहीं करते और तो आपको 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है