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क्रेडिट कार्ड के बकाए पर आरबीआई का स्पष्टीकरण, तीन महीने की राहत मिली

Published: Mar 28, 2020 03:51:11 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

आरबीआई के ऐलानों के बाद क्रेडिट कार्ड के कर्ज से दबे लोगों को था कंफ्यूजन
बैंकिंग एक्सपर्ट क्रेडिट कार्ड के कर्ज को आरबीआई के ऐलान से कर रहे थे अलग

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RBI clarification, 3 months relief to people with credit card debt

नई दिल्ली। जब रिजर्व बैंक ने टर्म लोन की ईएमआई पर तीन महीने की राहत देने का ऐलान किया है, तब से देश के लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ था क्या क्रेडिट कार्ड के बकाए पर भी राहत दी जाएगी या नहीं। कई बैंकिंग एक्सपर्ट इस बात को नकार रहे थे कि क्रेडिट कार्ड पर कोर्ठ राहत नहीं मिलेगी। कुछ का कहना था कि अगर किसी ने मोटी खरीदारी क्रेडिट कार्ड से की है और रकम को ईएमआई में कंवर्ट कराया है तो बैंक पर निर्भर करेगा। अब इस बात पर आरबीआई की ओर से कंफ्यूजन को दूर कर दिया गया है।

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क्रेडिट कार्ड के बकाए पर भी राहत
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज स्पष्ट किया कि वित्तीय संस्थान क्रेडिट कार्ड के बकाये की अदायगी पर तीन महीने की मोहलत दे सकते हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण हुए व्यवधान के बीच मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 तक गिरने वाली किश्तों के भुगतान पर बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को तीन महीने के लिए स्थगित करने की अनुमति दी है। आरबीआई की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस तरह के लोन रीपेमेंट को मोरेटोरियम पीरियड के तीन महीने बाद ट्रांसफर दिया जाएगा। मोरेटोरियम पीरियड के दौरान सावधि ऋणों के बकाया हिस्से पर ब्याज जारी रहेगी।

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आरबीआई ने किया स्पष्ट
ईएमआई पर आरबीआई की ओर से काफी स्पष्टीकरण दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी टर्म लोन (कृषि अवधि ऋण, खुदरा और फसल ऋण सहित), सभी वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, छोटे वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित) के संबंध में, सहकारी बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान और एनबीएफसी (आवास वित्त कंपनियों सहित) को सभी किश्तों के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति दी है।

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क्रेडिट हिस्ट्री पर नहीं पड़ेगा असर
केंद्रीय बैंक ने कहा मासिक किस्तों में लोन की ईएमआई के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड के बकाए को भी शामिल किया गया है। हालांकि वित्तीय संस्थानों को ऋण चुकाने पर तीन महीने की मोरेटोरियम की नीति में अपनाने के लिए बोर्ड की मंजूरी लेनी होगी। लोन रीपेमेंट देरी होने पर किसी भी संस्थान को डिफ़ॉल्ट के रूप में योग्य नहीं माना जाएगा। उधारकर्ताओं के लिए ऋण देने का पुनर्निर्धारण उनके क्रेडिट हिस्ट्री पर किसी तरह का प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा।

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