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CG Naxal News: चार दशकों से नक्सलियों से लड़ रही छत्तीसगढ़ पुलिस को पहली बार नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी और पोलित ब्यूरो के मेंबर को मार गिराने में सफलता मिली है। गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ीघाट रेंज में 48 घंटे से जारी मुठभेड़ में फोर्स ने एक करोड़ के इनामी नक्सली चलपति उर्फ प्रताप को मार गिराया है। उसके साथ 13 और नक्सली भी मारे गए हैं। एडीजी नक्सल आपरेशन विवेकानंद के अनुसार 14 बॉडी शाम तक मिल चुकी थीं। इसके बाद सर्च आपरेशन को बंद कर दिया गया है। वहीं इंटलीजेंस के सूत्रों के मुताबकि संख्या 21 से ज्यादा हो सकती है। बुधवार को सर्च आपरेशन दोबारा शुरू होगा जिसमें कुछ और बॉडी रिकवर हो सकती हैं।
बता दें कि प्रदेश में अब तक नक्सलियों के जो नेता मारे गए, वे लोवर कैडर के थे। बस्तर में पुलिस का दबाव बढऩे के बाद नक्सली ओडिशा में नया ठिकाना ढूंढ रहे हैं। इसी सिलसिले में ये लोग कुल्हाड़ीघाट रेंज में इकट्ठा हुए थे। यहां पहले से नक्सलियों का कोई कैडर नहीं है। ऐसे में वे यहां पर अपना जनाधार जमाने की कोशिश में थे। आमतौर पर जहां नक्सलियों का बड़ा कैडर होता है, वहां तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा होता है। यहां चलपति की मौजूदगी के बाद भी सिक्यूरिटी की सिंगल लेयर नहीं थी। यही वजह है कि पुलिस को पहल बार केंद्रीय कमेटी के नेता को मार गिराने में कामयाबी मिली है। उसके साथ कई और कमांडरों के भी मारे जाने की सूचना है। बताते हैं कि नक्सली यहां 18 से 20 किमी के दायरे में फैले थे।
सूचना के आधार पर छत्तीसगढ़ और ओडिशा में तैनात सुरक्षा बलों ने एक हजार जवानों की 10 टीमें बनाकर जॉइंट ऑपरेशन चलाया गया। इसी दौरान भालुडिग्गी की पहाडिय़ों पर घने जंगलों के बीच छिपे नक्सली और जवान आमने-सामने हो गए। तभी से दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। नक्सलियों को घेरते हुए फोर्स ने अभी उन्हें 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में समेट दिया है। सूत्रों की मानें तो इलाके में अभी भी 50 से ज्यादा नक्सली हो सकते हैं। यही कारण है कि हजार से ज्यादा जवान देर रात तक इलाके को घेरे रहे। इस बीच रूक-रूककर फायरिंग भी होती रही। अन्य जिलों में तैनात बलों से और टुकडिय़ां को मंगवाया जा रहा है।
इस ऑपरेशन में ड्रोन फोर्स के बहुत काम आ रहे हैं। भालुडिग्गी की पहाडिय़ों पर फोर्स सुबह से ही 5-6 ड्रोन उड़ा रही थी। इस वजह से उन्हें जंगलों के बीच छिपे नक्सलियों के मूवमेंट का भांपने में बड़ी मदद मिली। दूसरी ओर फोर्स में भी कैजुअलिटी कम रही। बता दें कि केंद्र ने पैरा मिलिट्री फोर्स में हर बटालियन को एक से दो ड्रोन दिए हैं। नेत्रा-2 नाम के ये मिनी ड्रोन बस्तर में चलाए जा रहे नक्सल सफाए के अभियान में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। वहां भी फोर्स ड्रोन उड़ाकर आसपास के इलाकों की अच्छी तरह पड़ताल करके ही मूवमेंट करती है।
इस नक्सल मुठभेड़ में फोर्स के 2 जवान भी घायल हुए हैं। सोमवार को नक्सलियों की गोली कोबरा बटालियन के एक जवान की गर्दन को छूकर निकली थी। इससे उसकी गर्दन पर 12 सेमी लंबी और 3 सेमी गहरी चोट आई थी। एयर लिफ्ट कर उसे रायपुर के अस्पताल मे भर्ती कराया गया। मंगलवार को ऑपरेशन में शामिल एसओजी के एक जवान के पैर में गोली लग गई। उसे भी एयर लिफ्ट कर इलाज के लिए तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के बाद दोनों की हालत सामान्य बताई जा रही है।
— नक्सली जयराम उर्फ चलपति का आतंक दो राज्यों में था। चलपति 10 से 12 बॉडीगार्ड्स को अपने साथ लेकर घूमता था। चलपति नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी का मेंबर था।
— चलपति का असली नाम जयाराम रेड्डी था, उसे संगठन में रामचंद्र रेड्डी अप्पाराव या रामू के नाम से भी जाना जाता था। आंध्र प्रदेश के चिंत्तूर जिले के माटेमपल्ली गांव के रहने वाले रेड्डी ने केवल 10वीं तक पढ़ाई की
— रणनीतिक कुशलता, नेतृत्व क्षमता और संसाधनों को जुटाने की क्षमता थी उसमें
— नक्सली संगठन की आईडियोलॉजी और उसकी भूमिका को देखते हुए फिर से उसे केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाया गया था।
— ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में ये बेहद सक्रिय था। दोनों राज्यों की मोस्टवांटेंड की सूची में था।
— कई बड़े हमलो का मास्टर माइंड रहा है। ओडिशा सहित छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन की मजबूती के लिए काम करता था। बड़ा साजिशकर्ता भी रहा है। इसने अपने संगठन में कई लड़कों को शामिल करवाया है।
— 60 साल का चलपति एके 47 हथियार, मोबाइल, टेबलेट, कंप्यूटर, रेडियो लेकर चलता था।
— आंध्र प्रदेश का रहने वाला था और उसे कई भाषा और बोलियां बोलनी आती थी। वह गोंडी, छत्तीसगढ़ी, हिन्दी, तेलगु और ओडिया भाषा जानता था।
-1 जनवरी से 21 जनवरी 2025 तक कुल 60 नक्सली मारे गए |
-वर्ष 2024 में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ों में कुल 247 नक्सली ढेर हुए इनमे से कुल 223 नक्सलियों के शव बरामद हुए |
-2024 के बड़े नक्सल ऑपरेशन
12 दिसंबर 2024- अबूझमाड़, नारायणपुर, 7 नक्सली ढेर
22 नवंबर 2024- भेज्जी, कोंटा, 10 नक्सली ढेर
4 अक्टूबर 2024- थुलथुली, दंतेवाड़ा, 38 नक्सली ढेर
3 सितंबर 2024- पुरंगेल, दंतेवाड़ा, 9 नक्सली ढेर
15 जून 2024- अबूझमाड़, नारायणपुर, 8 नक्सली ढेर
23-24 मई 2024- अबूझमाड़, 8 नक्सली ढेर
10 मई 2024- पीडिया, बीजापुर, 12 नक्सली ढेर
30 अप्रैल 2024- टेकमेटा, नारायणपुर, 10 नक्सली ढेर
16 अप्रैल 2024- छोटे बेठिया, कांकेर, 29 नक्सली ढेर
2 अप्रैल 2024- नेड्रा, बीजापुर, 13 नक्सली ढेर
Published on:
22 Jan 2025 10:35 am
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