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CG News: बे‘बस इंतजाम… हादसों की हकीकत जानने बस से निकले विधायक, पुलिस ने खतरा बताकर रास्ते से लौटाया

CG News: पिछली विधानसभा में मुद्दा उठाने पर विभागीय मंत्री ने काम जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया था। आज तक टेंडर भी नहीं निकाल पाए हैं।

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नेशनल हाईवे का मुद्दा उठाने पर मंत्री ने आश्वासन दिया (Photo source- Patrika)

नेशनल हाईवे का मुद्दा उठाने पर मंत्री ने आश्वासन दिया (Photo source- Patrika)

CG News: ब्लॉक मुख्यालय से देवभोग जाने वाली सड़क में कई अंधे मोड़ हैं। झरियाबाहरा से मदानमुंडा तक सिंगल लेन सड़क की हालत तो और भी खराब है। सबसे ज्यादा हादसे यहीं हो रहे हैं। बाइक, कार, ट्रक से लेकर बस सवार तक यहां सुरक्षित नहीं हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद विधायक जनक ध्रुव हकीकत परखने के लिए शनिवार को खुद बस से देवभोग की यात्रा पर निकले।

CG News: इस सड़क को नेशनल हाईवे के रूप में मंजूरी

वे मैनपुर से महज 7 किमी ही आगे बढ़ पाए थे कि थाने से टीआई समेत पूरा अमला पहुंच गया। बस रूकवाई। सुरक्षा का खतरा बताकर आगे बढ़ने से रोक दिया। ये पहली मर्तबा नहीं है, जब विधायक को इस तरह कहीं जाने से रोका गया। दिसंबर 2023 से अब तक के कार्यकाल में ऐसे 8 मौके आ चुके हैं, जब पुलिस ने तयशुदा कार्यक्रम रद्द कर उन्हें रोका है।

हर बार इसकी वजह नक्सल मूवमेंट बताई गई। बीते दिनों यहां के जंगलों में एक करोड़ के इनामी सीसी मेंबर चलपति समेत 16 नक्सलियों के एनकाउंटर और लगातार आईईडी बरामद होने से सुरक्षा तर्क वाजिब भी है। हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि विधायक डेढ़ साल बाद भी अपनी विधानसभा के कई इलाकों का दौरा नहीं कर पा रहे। आमामोरा, साहेबिनकछार, काड़सर, ओड़, भूतबेड़ा, कुचरेंगा, रावनडिग्गी, खरता जैसी जगहों में जाने की मनाही है।

यहां तक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के गोद ग्राम कुल्हाड़ीघाट भी नहीं जा सकते। जनक की मानें तो लोगों की समस्या जब तक खुद नहीं देखेेंगे, तब तक कैसे समझेंगे कि उनकी और उन इलाकों की प्राथमिक जरूरतें क्या हैं! उनका कहना है कि इस सड़क को नेशनल हाईवे के रूप में मंजूरी मिल चुकी है। फिर भी सड़क चौड़ीकरण नहीं हो रहा। सड़क जितनी जल्दी बनेगी, हादसे उतनी जल्दी रूकेंगेे। पिछली विधानसभा में मुद्दा उठाने पर विभागीय मंत्री ने काम जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया था। आज तक टेंडर भी नहीं निकाल पाए हैं।

देवभोग से रायपुर के लिए शाम 5 तक बस की मांग

झरियाबाहरा में बसें रूकती हैं। लोग खाने-पीने के लिए ठहरते हैं। अक्सर कई बस का इंतजार करते भी दिा जाते हैं। ऐसे ही बस आने के इंतजार में रूके विधायक ने वहां मौजूद लोगों से भी बात की। उन्होंने बताया कि रायपुर से देवभोग के लिए रात 9 बजे तक बस छूटती है, जबकि देवभोग से रायपुर के लिए आखिरी बस दोपहर 2 बजे छूटती है। देवभोग से सुबह भी निकलें, तो रायपुर पहुंचते तक दतरों का सारा कामकाज निपट चुका रहता है।

ऐसे में देवभोग से रायपुर के लिए शाम 5 बजे तक बस का इंतजाम किया जाना चाहिए। स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए बसों में सीटें आरक्षित करने की मांगी की क्योंकि बड़ी संख्या में इलाके के बच्चे गरियाबंद आना-जाना करते हैं। इसके साथ ही रूट में एसी बसें बढ़ाने की मांग की। अभी रायपुर से देवभोग के बीच केवल एक एसी बस चल रही है। विधायक ने राहगीरों से बातचीत के दौरान उनके साथ भोजन भी किया। दूसरी समस्याएं भी पूछी।

यह भी पढ़ें: CG News: सड़क पर गड्ढे, पुल जर्जर, हर दिन हादसे… सालों से नहीं हुआ कोई सुधार

वापस 7 किमी लौटने विधायक को भी 2 घंटे करना पड़ा बस का इंतजार

विधायक जनक मैनपुर से दोपहर करीब 12 बजे देवभोग के लिए निकले। बैठने की जगह न मिली, तो बस में खड़े-खड़े सफर करने लगे। कुछ लोगों ने खुद खड़े होकर उन्हें सीट ऑफर की। जनक ने यात्रियों से पूछा कि परेशानी तो नहीं है! देवभोग के जुगेश्वर मांझी, मालती मांझी, बिमला नेताम और मनराखन ने बताया कि पतली सड़क के चलते हादसे का डर रहता है।

रूट पर बसों की कमी के साथ दूसरे अभावों के बारे में भी बताया। यात्रियों से बातचीत करते जनक मैनपुर से 7 किमी आगे झरियाबाहरा पहुंचे ही थे कि मैनपुर टीआई समेत पुलिस स्टाफ पहुंच गया। विधायक से कहा कि आगे खतरा है इसलिए वापस चलिए। विधायक ने वापसी भी बस से करने की बात कही, ताकि इस छोटे सफर में ही ज्यादा यात्रियों के अनुभव जान सकें। हालांकि, महज 7 किमी वापस लौटने के लिए उन्हें पूरे 2 घंटे तक बस का इंतजार करना पड़ा।

विधायक जनक ध्रुव को चुनाव जीतने के बाद सरकार से एक्स श्रेणी की सुरक्षा मिली। महज 3 पीएसओ के साथ संवेदनशील इलाकों में दौरा संभव नहीं था। आए दिन भेंट-मुलाकात के कार्यक्रम रद्द होने लगे, तो विधायक ने एक दिन सभी सुरक्षा जवानों को जिला मुख्यालय जाने की बात कही। अकेले नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों से मिलने निकल गए।

मॉनसून सत्र में फिर उठेगा ये मुद्दा

CG News: प्रशासन के हाथ-पांव फूले, तो अफसरों ने मान-मनौव्वल की। विपक्ष के विधायक से भेदभाव का मुद्दा विधानसभा तक गूंजा। इसके बाद सरकार ने उन्हें वाय श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। इसमें विधायक के साथ 3 पीएसओ के अलावा सामने 4 सुरक्षा जवानों वाली पायलेटिंग गाड़ी चलती है। हालांकि, यह सुरक्षा जिले के बाहर नहीं होती। इससे पहले इसी विधानसभा से विधायकों को वाय प्लस सुरक्षा मिलती रही है। इसमें आगे-पीछे 2 पायलेटिंग गाड़ी चलती है। यह सुरक्षा जिले के बाहर भी मिलती है।

जनक ध्रुव, विधायक, बिंद्रानवागढ़ विधानसभा: कोयबा, जुगाड़, इंदागांव रोड में सबसे ज्यादा लोग हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं। डिप्टी सीएम अरूण साव ने विधानसभा में आश्वासन दिया था। अफसरों से पूछो, तो काम जल्दी शुरू करने की बात कहते हैं। जिम्मेदारों की टल्लमटल्ली ने रोज के राहगीरों की मुसीबत बढ़ा दी है। मॉनसून सत्र में फिर इस मुद्दे को उठाएंगे।


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