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ड्रग कमिश्नर का छापा, कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली नकली दवा की पैकेजिंग यूनिट का पर्दाफाश गाजियाबाद में कोरोना काल के दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 6 जून तक 451 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। वहीं 31 मई तक कुल 11817 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। इस बार कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में जनवरी से मई तक कोरोना से 340 मौतों की पुष्टि की गई है। जबकि 2020 में सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 102 मौतों की पुष्टि की गई थी। इसके अलावा सरकारी आंकड़ों में 2020 और 21 में कोरोना संक्रमित लोगों की मौत की संख्या 442 दर्शाई गई। जबकि मृत्यु प्रमाण पत्रों की संख्या इससे कई गुना अधिक है। इस हिसाब से कहीं न कहीं इस पूरे मामले में बड़ा झोल नजर आ रहा है।
नगर निगम श्मशान के आंकड़ों को नहीं कर रहा सार्वजनिक उधर, श्मशान घाटों पर इससे पहले तक पहुंचने वाले सभी शवों के अंतिम संस्कार की ब्योरा श्मशान घाट की कमेटी के रजिस्टर में दर्ज किया जाता था, लेकिन वर्ष 2020 जुलाई से कोरोना संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार का ब्योरा छिपाते हुए श्मशान घाट कमेटी के रजिस्टर में दर्ज नहीं किया जा रहा है। इन्हें नगर निगम में ही दर्ज किया जा रहा है, लेकिन वह इन्हें सार्वजनिक नहीं कर रहा है। बहरहाल अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद में 10 गुने से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
श्मशान पर लागू करना पड़ा था टोकन सिस्टम इसका जीता जागता उदाहरण यह भी है कि गाजियाबाद में इस साल श्मशान घाट पर लोगों को 10 घंटे तक की वेटिंग भी अंतिम संस्कार के लिए करनी पड़ी थी। शवों की लंबी कतार लग चुकी थी। शवों की अधिक संख्या होने के कारण श्मशान घाट पर टोकन सिस्टम भी लागू किया गया था, लेकिन जिस तरह से सरकारी आंकड़े सामने आए हैं, वह वाकई चौंकाने वाले हैं।