
गाजियाबाद। बसपा के पूर्व राज्यसभा सासंद नरेन्द्र कश्यप की एक बार फिर से मुश्किल बढ़ गयी है। पुत्रवधू हिमांशी कश्यप के मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 शशि भूषण ने नरेंद्र कश्यप के बेटे डॉक्टर सागर को सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं कश्यप दम्पति के ऊपर फैसले को सुरक्षित रखा गया है।
नरेन्द्र कश्यप के अधिवक्ता की तरफ से पूर्व सांसद और उनकी पत्नी के लिए सजा कम किए जाने की मांग की गई। इसके पीछे पत्नी का खराब स्वास्थ्य बताया गया। इस पर अदालत ने सीएमओ से रिपोर्ट मांगते हुए फैसले को सुरक्षित रखा है।
सागर कश्यप को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया गया है। यह जानकारी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि छह अप्रैल 2016 को हिमांशी की संदिग्ध परिस्थितियों में संजयनगर स्थित आवास पर गोली लगने से मौत हो गई थी। वह बदायूं निवासी बसपा के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हीरालाल कश्यप की बेटी थी। इस प्रकरण में दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। सुनवाई के दौरान पेश किए गए साक्ष्यों के आधार अदालत ने मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने वाला माना। इस मामले में फोरेंसिक टीम ने जब घटना का डेमो करके देखा तो सुबूतों से छेड़छाड़ किए जाने की बात सामने आई थी। पुलिस को बताया गया था कि रिवॉल्वर बाथरूम में शव के पास पड़ा था, लेकिन पुलिस ने रिवॉल्वर अलमारी के ऊपर से बरामद किया।
पुलिस विवेचना और गवाहों के आधार पर बुधवार को अदालत ने पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप, उनकी पत्नी देवेंद्री व पुत्र सागर कश्यप को हिमांशी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी करार दिया। बहराल कोर्ट के इस फैसले के बाद से नरेंद्र कश्यप और उनके परिवार पर दोबारा से संकट के बादल मंडरा चुके हैं। नरेंद्र कश्यप ने इस हादसे के बाद से बहुजन समाज पार्टी से त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थामा था।
Published on:
25 Jan 2018 09:31 pm
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
