28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Corona virus के खतरे के बीच मॉडल बनी गाजियाबाद जेल, मुलाकातियों के लिए वन-टू-वन सिस्टम लागू

Corona virus के खतरे के बीच Ghaziabad की डासना जेल में विदेशों की जेल की तर्ज पर मुलाकात हुई शुरू । याेजना सफल हाेने पर इसे प्रदेश की सभी देशों में लागू किए जाने की तैयारी।

2 min read
Google source verification
jail.jpg

love lumar

गाज़ियाबाद: डासना जेल ( Dasna jail ) प्रदेश की सबसे हाईटेक जेल बन गई है। कोरोना वायरस ( Corona virus ) के संक्रमण के खतरे के बीच यहां मुलाकात के लिए वन टू वन टेलीफाेनिक मुलाकात सेवा शुरू की गई है। अब इस जेल में मुलाकाती अपनों से आमने सामने खड़े हाेकर टोलीफोन के माध्यम से बात कर सकेंगे।

यह भी पढ़ें : फेल हो गए नोएडा पुलिस के सारे इंतजाम, दिल्ली-नोएडा बार्डर पर लगा भीषण जाम

संक्रमण के खतरे के बीच लगभग सभी जेलों में मुलाकात बंद है। ऐसे में कहा जा सकता है कि, गाजियाबाद की डासना जेल आज से प्रदेश की सबसे हाईटेक जेल बन गई है। इस जेल में अब बंदी हॉटलाइन 121 के माध्यम से आमन- सामने बात कर सकेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन हाेगा। साेमवार ( Monday ) काे इसकी शुरुआत डीजी जेल आनंद कुमार और डीआईजी जेल मेरठ मण्डल लव कुमार ( IPS Love Kumar ) ने की। जेल प्रशासन का कहना है कि यह शुरुआत कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए की गई है।

यह भी पढ़ें : Saharanpur News: यूपी के खादर से रेत माफिया को खदेडऩे को तैनात होगी पीएसी

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि इन दिनों कोविड-19 ( COVID-19 virus ) महामारी से देश जूझ रहा है।इस महामारी को ध्यान में रखते हुए जेल में बंद बंदियों की मुलाकात फिलहाल बंद थी। इसे ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद की डासना जेल में मुलाकात के वक्त 39 हॉटलाइन टेलीफोन लगाकर वन टू वन सेवा आज से शुरू की गई है।

यह भी पढ़ें : वायरस का असर: सगाई के शगन में 'वर' को जोड़े के साथ मिला मास्क और सैनिटाइजर

इस सेवा के माध्यम से जेल में बंद बंदियों से मुलाकात करने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए बंदी से मुलाकात कर सकते हैं और आमने सामने रहते हुए आपस मे बात कर सकते हैं। इसकी शुरुआत प्रदेश की डासना जेल से ही की गई है। इस तरह की सेवा प्रदेश की अन्य जेलों में भी कराई जाएगी। डीजी जेल का कहना है कि इस तरह का सिस्टम विदेशों में बहुत पहले से चला आ रहा है। यहां भी अब इसकी शुरुआत कर दी गई है। प्रदेश में सबसे पहले गाजियाबाद की डासना जेल से इसकी शुरुआत हुई है।