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कद्दावर नेता व यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ल का निधन, पूर्वांचल में बीजेपी के लिए बड़ी क्षति

locationगोरखपुरPublished: May 10, 2020 07:06:24 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

भाजपा के कद्दावर नेता व उत्तर प्रदेश के बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ल का रविवार को निधन हो गया।

Upendra shukla

Upendra shukla

गोरखपुर. भाजपा के कद्दावर नेता व उत्तर प्रदेश के बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ल का रविवार को निधन हो गया। वो 60 वर्ष के थे। रविवार के दिन में हार्ट अटैक आने के बाद उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ल को गोरखपुर के छात्रसंघ चौराहा स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें उन्हें मृत घोषित कर दिया। निधन की खबर से पूरे पूर्वांचल के भाजपा नेता आहत हैं। गोरखपुर के सांसद औऱ अभिनेता रविकिशन ने उनके निधन पर दुख जताया और कहा की ये पूरी पार्टी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती। वहीं प्रदेश बीजेपी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है की ईश्वर से प्रार्थना है कि परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति दें।
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डिप्टी सीएम ने कहा – मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है

यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि उपाध्यक्ष एवं गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव में प्रत्याशी रहे मेरे निकट बड़े भाई के रूप में मित्र उपेंद्र दत्त शुक्ला जी के आकस्मिक निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि ! ईश्वर पुण्यात्मा को शांति तथा परिजनों व समर्थकों सहित मुझे यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। स्वर्गीय उपेंद्र शुक्ला जी जैसा नेता जो कार्यकर्ताओं की प्रेरणा थे के निधन से जो क्षतिपूर्ति हुई है, उसकी भरपाई करना संभव नहीं। आपका असमय जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। आप एक अच्छे व्यक्तित्व के धनी थे। आप हमेशा पार्टी के कर्मठ सिपाही के रूप में और कार्यकर्ताओं को डांटने की मनाने की बेजोड़ क्षमता थी। वह अगे लिखते हैं कि 2017 विधानसभा चुनाव में आपने परिश्रम की पराकाष्ठा करके अपने कुशल रणनीतिक कार्यक्षमता से हम सभी कार्यकर्ताओं को बहुत प्रभावित किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए आप के दिन-रात परिश्रम और योगदान को मैंने बहुत निकट से देखा था जिसे मैं कभी भूल नहीं सकता।
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रणनीति बनाने में महारथ हासिल थी उन्हें-
उपेंद्र दत्त शुक्ल पार्टी के ऐसे कार्यकर्ता थे जिनकी रणनीति का लोग लोहा मानते थे। संगठन के लिए इतने समर्पित रहते थे, कि पूर्वांचल के एक-एक भाजपा के कार्यकर्ता का नाम और चेहरा नहीं भूलते थे। 2017 विधान सभा चुनाव के बाद जब योगी आदित्यनाथ सीएम बने, तो खाली हुई सीट पर भाजपा ने उपचुनाव में उन्हें ही उम्मीदवार बनाया था। पर इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। कुशल रणनीतिकार उपेन्द्र दत्त शुक्ल सपा समर्थित प्रवीण निषाद से बड़े अंतर से चुनाव हार गए थे। इस सीट पर 2019 के चुनाव में रवि किशन ने जीत हासिल की थी।

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