
कोर्ट की नाफरमानी को नजरअंदाज करना मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय निषाद को महंगा पड़ा। नाराज गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) जगन्नाथ ने मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। कोर्ट ने पुलिस को सख्त आदेश जारी किया कि, 10 अगस्त तक कैबिनेट मंत्री को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करें। उन पर 2015 में निषादों के आरक्षण देने की मांग के आंदोलन के दौरान उग्र होने पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
संजय निषाद कौन हैं जानें
निषाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की पार्टी भाजपा की सहयोगी है। लोकसभा चुनाव 2019 से पूर्व दोनों दल साथ आए थे। संजय निषाद का एक बेटा सांसद तो दूसरा विधायक है। इसके अलावा संजय निषाद खुद विधान परिषद के सदस्य हैं।
कब का है मामला
7 जून, 2015 को सरकारी नौकरी में निषादों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर सहजनवा थाना इलाके के कसरवल में आंदोलन चल रहा था। रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारी बैठे थे। इस बीच, विवाद बढ़ा और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी। आरोप था कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। इसके बाद आंदोलन और उग्र हो गया और आंदोलनकारी पुलिस से भिड़ गए। आंदोलनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों को आग लगा दी थी। इस हिंसा में 24 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
संजय निषाद समेत 36 पर केस दर्ज
इसके बाद संजय निषाद समेत 36 पर बलवा, तोड़फोड़, आगजनी और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इस मुकदमे में डॉक्टर संजय निषाद पहले से जमानत पर है। न्यायालय द्वारा बार-बार हाजिर होने के आदेश देने के बाद भी संजय निषाद न्यायालय में पेश नहीं हो रहे थे, जिस कारण से शनिवार को कोर्ट ने संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
Published on:
07 Aug 2022 10:56 am
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