
मोबाइल चोरी कर उसको बंगलादेश, नेपाल जैसे देशों में बेचकर अच्छी खासी कमाई करने वाले इंटरनेशनल गैंग का आज GRP गोरखपुर ने पर्दाफाश किया है। इसमें झारखंड का रहने वाला गैंग लीडर और दो भाई शामिल हैं। एक नाबालिग है, दोनों भाइयों को उसने 15 हजार महीने की सैलरी पर रखा था। इनमें दोनों भाइयों का काम बाजारों, रेलवे स्टेशन आदि जगहों से मोबाइल चुराकर लाना था। बेचने का काम गैंग लीडर करता था। इन मोबाइलों की खपत बंगलादेश और नेपाल जैसे देशों में आसानी से हो जाती थी। GRP को शातिरों के पास से 44 एंड्रॉयड फोन मिले हैं, जिनकी कीमत 10 लाख रुपए है।
SP GRP गोरखपुर संदीप कुमार मीना ने बताया सर्विलांस के जरिए GRP को सूचना मिली थी कि चोरों का एक गिरोह रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के मुख्य गेट पर खड़ा है। इसके बाद टीम ने घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में मालूम चला कि इनमें सरगना मनोज मंडल, करन कुमार नोनिया और उसका नाबालिग भाई शामिल है। ये सभी झारखंड के साहबगंज के निवासी हैं।
पुलिस की पूछताछ में शातिरों ने बताया कि वे ट्रेनों और आसपास के जिलों में चोरी करते थे। उनके निशाने पर भीड़ भरे बाजार, रेलवे स्टेशन, सब्जी मंडी, मंदिर आदि जगह रहते थे। झारखंड से आकर गोरखपुर में ये सभी किराए का रुम लेकर रहते थे। गिरोह के पास से एक तमंचा, जिंदा कारतूस व चाकू बरामद हुआ है। गैंग लीडर मनोज मंडल गोरखपुर के कई थानों में 4 मुकदमे पहले से दर्ज हैं। करन पर भी दो केस हैं। इस गैंग का भंडाफोड़ करने में पुलिस ने लगभग 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाला।
Published on:
27 Dec 2024 10:41 pm
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