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ग्रेटर नोएडा। डायबिटीज साइलेंट किलर साबित हो रही है। अब यह कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है। इसका एक उदाहरण ग्रेटर नोएडा में देखने को मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में डायबिटीज ने 13 साल के किशोर की जान ले ली। बताया जा रहा है कि उसकी बहन की भी इसी बीमारी की चपेट में आने से जान चली गई थी।उसकी भी 17 साल की उम्र में मौत हो गई थी।
13 साल के किशोर की हुई मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा के गांव चिटहेरा में रहने वाले 13 साल के छात्र की बुधवार शाम को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। उसकी मौत का कारण डायबिटीज बताई जा रही है। गांव में रहने वाले तेज प्रकाश सिंह के बेटे प्रवीन का दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में इलाज चल रहा था। बताया जा रहा है कि प्रवीन 5वीं क्लास में पढ़ता था। परिजनों के अनुसार, उसे 6 साल की उम्र में डायबिटीज हुई थी। उसको टाइप-1 डायबिटीज बताई गई थी। उनकी बेटी की मौत तीन माह पहले हुई थी। वह भी डायबिटीज कह शिकार हुई थी। परिजनों के अनुसार, उनके परिवार में किसी को भी यह बीमारी नहीं है। तेज प्रकाश के पड़ोसी सुदीप ने बताया कि ये चार भाई-बहन थे। एक बहन की मौत भी डायबिटीज से हुई थी।
बच्चों में इस वजह से भी हो सकती है डायबिटीज
इस बारेे में खतौली ब्लॉक के प्रभारी डॉ. अवनीश कुमार सिंह का कहना है कि बच्चों में डायबिटीज हो सकता है। इसकी कई वजह भी हो सकती है, जैसे स्टेयरायड या दवाइयों से भी ह बीमारी बच्चों को चपेट में ले सकती है। इसका एक कारण अानुवांशिक भी है। परिवार में अगर यह बीमारी किसी को हो तो बच्चों को होने की संभावना ज्यादा होती है। हां, बच्चे को डायबिटीज तो हो सकती है लेकिन इससे मौत होने की संभावना कम होती है। डॉ. अवनीश कुमार सिंह का कहना है कि डायबिटीज के कुछ लक्षण होते हैं। इनके दिखने के पर नजदीकी फिजीशियन से मिलकर सलाह लेनी चाहिए।
टाइप-1 डायबिटीज हो सकती है
वहीं, उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि बच्चों या किशोरों में ज्यादातर टाइप-1 डायबिटीज होती है। उन्होंने कहा कि अगर इंसुलिन लेने के बाद खाना नहीं खाया तो शुगर लेवल कम हो जाता है, जो घातक साबित हो सकता है।
लक्षण
- अगर किशोर या बच्चे का वजन उम्र के हिसाब से बहुत ज्यादा बढ़ गया हो
- बच्चा या किशोर उम्र के हिसाब से बहुत ज्यादा कमजोर होग या हो
- जहां पर वह टॉयलेट करता हो, वहां चीटियां आ जाती हों
- बहुत ज्यादा थकान लगती हो
- टॉयलेट बार-बार आना
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इतना होना चाहिए शुगर लेवल
- खाली पेट: 90-120 तक
- खाने के दो घंटे बाद: 140 तक
बचाव
- कम फैट वाला आहार खाएं।
- सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज और डेयरी उत्पादों का सेवन करें
- फाइबर का सेवन ज्यादा करें
- व्यायाम करें और धूम्रपान व शराब से दूर रहें
- पर्याप्त नींद लें
Published on:
24 May 2018 02:30 pm
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